ठंड बढ़ने के साथ कोल्ड डायरिया के मामले बढ़ रहे, रहें सावधान

 

बच्चे और बुजुर्ग ज्यादा आ रहे इस बीमारी की चपेट में

कोल्ड डायरिया होने पर एंटी बायोटिक लेने की भूल नहीं करें

बांका, 22 दिसंबर।

शीतलहर और कोहरे के कारण सर्दी चरम पर पहुंच गया है।
तापमान 5 डिग्री से नीचे चला गया है। ऐसे मौसम में कोल्ड डायरिया के मरीज बढ़ने लगे हैं। पिछले 1 सप्ताह में दर्जनों मरीज इलाज कराने के लिए अस्पताल आ चुके हैं। ऐसे में इस बीमारी के प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है।

हर उम्र के लोगों को इस बीमारी के प्रति सचेत रहना चाहिए-
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि ऐसे मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार के साथ लोगों को दस्त की समस्या होती है। इस वजह से इसे कोल्ड डायरिया कहते हैं। इसकी चपेट में आमतौर पर ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग आते हैं, लेकिन हर उम्र के लोगों को इस बीमारी के प्रति सचेत रहना चाहिए।

गुनगुने पानी ही पीया करें:
डॉ चौधरी कहते हैं कि इस मौसम में गुनगुने पानी ही पीना चाहिए। ठंडा पानी पीने से परहेज करना चाहिए। अगर किसी को इस तरह की शिकायत आती है तो उन्हें मूंग दाल की खिचड़ी या फिर ओआरएस का घोल लेना चाहिए। भूल से भी एंटीबायोटिक का सेवन नहीं करना चाहिए। यह नुकसानदायक होता है। कोल्ड डायरिया को दिनचर्या में बदलाव कर ही दूर किया जा सकता है।

प्रतिरोधक क्षमता कम होने से लोग कोल्ड डायरिया के होते हैं शिकार:
डॉ.चौधरी कहते हैं कि दरअसल बच्चों और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इस वजह से ये लोग कोल्ड डायरिया की चपेट में ज्यादा आते हैं। बच्चों को गर्म कपड़े पहना कर रखें। साथ ही उसे हॉर्लिक्स और च्यवनप्राश का सेवन कराएं। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। वहीं बुजुर्ग लोग गर्म कपड़े तो पहने ही साथ ही धूप का सेवन करें। समय मिलने पर धूप में टहला करें। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और डायरिया से आपका बचाव भी होगा।

भोजन पर रखें नियंत्रण:
डॉ चौधरी कहते हैं कि आमतौर पर सर्दी के मौसम में लोग अत्यधिक तेल मसाले और गर्म खाना पर जोर देते हैं। इन चीजों से बचना चाहिए। तेल मसाले ना सिर्फ आपको नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि दूसरी बीमारियों की भी चपेट में ला देगा। गरम खाना उतना ही खाना चाहिए, जितना शरीर बर्दाश्त कर सके। अत्यधिक खाना किसी भी मौसम में नुकसानदायक होता है.

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंडसैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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