कोविड-19 के टीकाकरण के लिए ड्राई रन की हुई शुरुआत

- मॉक ड्रिल (ड्राई रन) के लिए जिले के तीन केंद्र हुए चयनित

- प्रत्येक केंद्र पर 25 चयनित लोगों को लगाया जायेगा टीका

- टीकाकरण शुरू होने के पूर्व इस्तेमाल होने वाली तकनीक का होगा परिक्षण


पटना 


 जिले में कोविड-19 के टीकाकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। लेकिन, इसके पूर्व पूरी तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने नई पहल शुरू की है। जिसके तहत तैयारियों का जायजा लेने के लिए मॉक ड्रिल (ड्राई रन) की शुरुआत की गई। इस क्रम में जिले के तीन केंद्रों का चयन किया गया है। जिसमें पटना के फुलवारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शाश्त्रीनगर शहरी स्वास्थ्य केंद्र व दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल शामिल है। इन केंद्रों पर शनिवार से ड्राई रन की शुरुआत की जा चुकी है। फुलवारीशरीफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य मंत्री मंत्री मंगल पांडे भी पहुंचे थे.


राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार स्वयं इस ड्राई रन की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया इस ड्राई रन का मुख्य उद्देश्य टीकाकरण में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का परिक्षण करना है। इसके लिए टीकाकरण के पूर्व रिहर्सल करना जरूरी इसलिए है कि ताकि टीकाकरण में आ रही बाधाओं को समय रहते दूर किया जा सके।


ड्राई रन में वैक्सीन का नहीं होगा इस्तेमाल :

कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने बताया ड्राई रन में किसी वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। बल्कि सिर्फ इसकी जांच की जा रही है कि वैक्सीनेशन के लिए बनाई गई योजना कितनी कारगर है। ड्राई रन में टीका लगाने के अलावा बाकी सारा इंतजाम वास्तविक टीकाकरण सत्र जैसा ही रहेगा। उन्होंने बताया देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कुल 116 जिलों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन चल रहा है। इसके लिए कुल 259 वैक्सीनेशन बूथ बनाए गए हैं। इस क्रम में राजधानी के अलावा जमुई व बेतिया जिले का भी चयन किया गया है। जहां पर तीन-तीन केंद्रों पर ड्राई रन आयोजित किए जाएंगे।

 

वास्तविक टीकाकरण में मिलेगी मदद :

सिविल सर्जन डॉ. विभा सिंह ने बताया ड्राई रन वास्तविक कोविड -19 टीकाकरण में हमारी मदद करेगा। इससे हमें अपनी तैयारियों का आंकलन करने में सहूलियत होगी। अगर किसी तरह के बदलाव की जरुरत होगी, तो इस ड्राई रन के माध्यम से उसकी जानकारी हो सकेगी। हर मोक ड्रिल में करीब 3 घंटे का समय लगेगा। प्रत्येक चयनित केंद्र पर 25 लाभार्थी मौजूद रहेंगे और सत्र का संचालन एवं अध्यक्षता चयनित केंद्र के प्रभारी करेंगे।


को-विन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी निगरानी :

कार्यपालक निदेशक ने बताया वैक्सीन कोल्ड चेन प्वाइंट पर वैक्सीन के स्टाक की मात्रा एवं भंडारण फ्रिजरियल टाइम तापमान की ऑनलाइन निगरानी ‘को-विन’ (विन ओवर कोविड) प्रोग्राम के अंतर्गत मोबाइल एप एवं बेब पोर्टल से की जाएगी। इसके लिए जिले में प्रत्येक कोल्ड चेन पर रखे आईएलआर में टेंपरेचर लागर नाम की एक सेंसर युक्त डिवाइस स्थापित है। यह डिवाइस नेट के माध्यम से वेब पोर्टल से जुड़ी रहेगी। यह पोर्टल पूरी तरह से कोरोना वैक्सीन के प्रबंध पर कार्य करेगा। को-विन पोर्टल से वैक्सीन और लॉजिस्टिक, सत्र स्थल, वैक्सीनेटर और लाभार्थी की सूचना मिलेगी। ‘को-विन’ पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर्ड लाभार्थी को वैक्सीनेशन की सूचना उनके मोबाइल पर मैसेज के जरिए प्राप्त होगी। उसमें स्थान, समय, दिनांक, सत्र स्थल और कौन वैक्सीनेटर है, इसकी जानकारी शामिल होगी।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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