सदर अस्पताल मुंगेर में मिल रही सुविधाओं से प्रभावित होकर बेहतर इलाज के लिए बढ़ने लगी लोगों की भीड़



- भारत सरकार के सुरक्षित मातृत्व आश्वसान (सुमन) कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल  में उपलब्ध हैं  बेहतर सुविधाएं 

- सदर अस्पताल  परिसर में नवजात बच्चों के बेहतर इलाज और देखभाल के लिए कार्यरत है एसएनसीयू 


मुंगेर-



 सदर अस्पताल मुंगेर में मिल रही सुविधाओं में लगातार हो रही सुधार से प्रभावित होकर बेहतर इलाज के लिए लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है। निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर हो रहे बेतहाशा  खर्च से बचने के लिए लोग सदर अस्पताल आना ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं। स्थानीय लोग निजी अस्पतालों की तरह ही सदर अस्पताल में मिल रही सुविधाओं और साफ-सफाई से काफी प्रभावित हैं| उनका कहना है सदर अस्पताल में ही यदि हमलोगों को निजी अस्पतालों जैसी सुविधाएं मिल रही हैं तो अनावश्यक पैसों की बर्बादी करने हमलोग प्राइवेट हॉस्पिटलों में क्यों जाएं। 

सदर अस्पताल  में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य  सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम किए जा रहे-

सदर हॉस्पिटल मुंगेर के हॉस्पिटल मैनेजर तौसिफ हसनैन ने बताया कि सदर अस्पताल हॉस्पिटल में लगातार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं। इसी उद्देश्य के तहत सदर अस्पताल हॉस्पिटल परिसर में भारत सरकार कि महत्वकांक्षी योजना सुरक्षित मातृत्व आश्वसान   ( सुमन) कार्यक्रम के तहत प्रसूति महिलाओं और नवजात बच्चों की कि  माताओं और बच्चों के बेहतर इलाज और देखभाल के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, प्रसूति पूर्व व प्रसव पश्चात रूम, महिलाओं की के देखभाल के लिए वार्ड का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही जन्म के बाद गंभीर रोग से ग्रस्त नवजात बच्चों के बेहतर इलाज और देखभाल के लिए एसएनसीयू कार्यरत कार्ररत है। इसके साथ ही सदर अस्पताल हॉस्पिटल के अन्य विभाग जैसे संचारी रोग, गैर संचारी रोग, ईएनटी, चर्म रोग में बेहतर सुविधाएं दी ज रही हैं है। उन्होंने बताया कि 1 दिसम्बर 2020 को ही सदर अस्पताल हॉस्पिटल में एड्स रोगियों के बेहतर इलाज और देखभाल के लिए एआरटी सेंटर की कि शुरुआत हुई। इसके अलावा वे सदर अस्पताल हॉस्पिटल परिसर में स्थित ब्लड बैंक में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ब्लड सेपरेटर मशीन लगाई गई है| साथ ही अन्य बीमारियों की जांच के लिए भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मशीन और दक्ष टेक्नीशियन कार्यरत कार्ररत हैं। इन्हीं इन्ही सभी वजहों से सदर अस्पताल हॉस्पिटल में लोगों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं है। 

अस्पताल में इलाज करने आयी महिलाओं की बात -

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से अपने मायके तोपखाना बाजार मुंगेर आई संजना कुमारी ने बताया कि मैं बंगाल में हमेशा प्राइवेट हॉस्पिटल में ही बच्चों का इलाज करवाती हूँ। लेकिन यहां सदर अस्पताल हॉस्पिटल में अपने बच्चे का इलाज करवाने आई हूँ। मैं अपने भाई सौरभ कुमार के साथ यहां आई हूँ। यहां मेरे बच्चे का सही तरीके से डॉक्टर ने इलाज किया। प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज में पैसा ज्यादा लगता है। वही इलाज यदि सदर अस्पताल हॉस्पिटल में मिलता है तो वहां क्यों जाएं ? 


किला परिसर के पास रहने वाली मुन्नी कुमारी ने बताया कि मेरे बेटे श्रेयांश का जन्म भी सदर अस्पताल हॉस्पिटल में ही हुआ है। यहां अच्छी सुविधाएं मिलने के बाद हमलोगों का विश्वास विश्वाश बढ़ा है। मैं अपने परिवार में किसी तरह की कि परेशानी होने के बाद तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल हॉस्पिटल ही आती हूँ। 


जहाज घाट मुंगेर कि रहने वाली की  80 वर्षीय बुजुर्ग महिला संझा देवी ने बताया कि अपने परिवार में किसी को कोई परेशानी होने पर मैं हमेशा इलाज के लिए सदर अस्पताल हॉस्पिटल ही आती हूँ। यहां काफी सहूलियत है। कम से कम खर्चे में यहां इलाज हो जाता है। इसी इलाज के लिए बाहर के डॉक्टर ज्यादा पैसे लेते हैं । 


पचरुखी मुंगेर कि रहने वाली की  बिन्दू देवी ने बताया कि 30 जनवरी को बड़ा ऑपरेशन से मेरी बहू संगीता कुमारी ने पोती को जन्म दिया है। मेरे बेटे का नाम राहुल कुमार है। यह मेरे बेटे- बहू का पहला बच्चा है। मेरी पोती अभी एसएनसीयू में शीशा में भर्ती है। उसकी के स्थिति में अब काफी सुधार हो रहा है। घर परिवार में किसी को कोई परेशानी होने पर मैं हमेशा बेहतर इलाज के लिए यहीं आती हूँ। यहाँ कम से कम खर्च में बेहतर इलाज मिल जाता है। बहू की कि डिलीवरी से लेकर एएनसीयू में पोती के कि इलाज और देखभाल के दौरान डॉक्टर, नर्स सहित अन्य मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों का पूरा सहयोग मिला है। 


आनंदपुर, लक्ष्मीपुर जमुई निवासी उषा देवी ने बताया कि मेरी बेटी नेहा कुमारी (पति भरत कुमार) ने 30 जनवरी को बेटे को जन्म दिया है। बच्चा अभी एस एनसीयू में भर्ती है। उसकी के हालत में अब काफी सुधार हुआ है। बच्चा अब बिल्कुल स्वस्थ्य है। 

नेहा कुमारी की कि ननद महमदा पाटम निवासी सरस्वती देवी ने बताया कि नेहा मेरे यहां बीए की कि परीक्षा देने आई थी। इसी दौरान 30 जनवरी को उसने सदर अस्पताल हॉस्पिटल में बेटे को जन्म दिया है। बच्चे के जन्म से लेकर अभी तक हमलोग यहाँ हॉस्पिटल कि की व्यवस्था  ब्यवस्था और स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से काफी सन्तुष्ट हैं। हमलोगों को किसी प्रकार की कि कोई परेशानी नहीं हुई ।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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