कालाजार के खिलाफ अभियान की बौसी से होगी शुरुआत



3 मार्च से सिंथेटिक पायराथायराइड का किया जाएगा छिड़काव

इसे लेकर छिड़कावकर्मियों को दिया जा चुका है प्रशिक्षण


बांका, 25 फरवरी

कालाजार के खिलाफ अभियान की शुरुआत 3 मार्च से हो रही है. इसे लेकर छिड़कावकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. इस बार अभियान की शुरुआत जिले के बौसी प्रखंड से हो रही है. 3 मार्च से छिड़कावकर्मी बौसी के कालाजार प्रभावित गांव में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव करेंगे. जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ वीके यादव ने बताया कि इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. छिड़कावकर्मियों को समझा दिया गया है कि इस बार किस तरीके से सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव किया जाएगा

चार प्रखंड के 12 गांव प्रभावित: 

डॉ वीके यादव ने बताया कि जिले के चार प्रखंड के 12 गांव कालाजार प्रभावित हैं बौसी, धोरैया, बाराहाट और बांका सदर प्रखंड के गांव जिले में कालाजार प्रभावित हैं. जहां 3 मार्च से सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव कराया जाएगा.


पूरी दीवार में कराया जाएगा छिड़काव: 

केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि इस बार घर के अंदर की पूरी दीवार में छिड़काव कराया जाएगा. पहले दीवार की ऊंचाई की 6 फीट की दूरी तक छिड़काव किया जाता था, लेकिन इस बार पूरी दीवार में छिड़काव कराया जाएगा. इस बार के अभियान में यह नई बात है.

कालाजार की रोकथाम को लेकर विभाग अलर्ट: 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वीके यादव ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. प्रभावित प्रखंडों में छिड़काव का काम अगले महीने से  किया जाएगा. केयर इंडिया के डीपीओ ने बताया कि छिड़कावकर्मियों को चिह्नित गांव की जानकारी दी गई है.


घर के पास जलजमाव नहीं होने दें: 

डॉ यादव ने बताया अब दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छररोधी क्रीम लगाएं कालाजार को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई.



कालाजार की ऐसे करें पहचान:

डॉ यादव ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है| बाल व त्वचा के परत भी सूख कर झड़ते हैं| उन्होंने बताया कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करना चाहिए तथा रोगी को किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए|

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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