घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित समानता के लिए महिलाएं हों मुखर: रजनी सहाय

खेल, संगीत, और नृत्य के जरिए सहयोगी संस्था ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 

सहयोगी टीम के लोगों ने एक दूसरे को दी बधाई

महिलाओं के लिए सामाजिक समानता एवं बेखौप माहौल जरुरी 


पटना-

 सोमवार को विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. इस मौके पर राज्य में भी कई जगह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित जैसे महिला केन्द्रित विषयों पर कार्य करने वाली सहयोगी संस्था ने भी खेल-कूद, संगीत एवं नृत्य का आयोजन कर महिला दिवस मनाया. इस दौरान सहयोगी संस्था के टीम ने एक-दूसरे को बधाई भी दी. 


घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित समानता के लिए महिलाएं हों मुखर: 


सहयोगी संस्था की कार्यकारी निदेशक रजनी सहाय ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि महिलाओं की भूमिका समय के साथ बदलती रही है. एक दौर था जब अधिकांश महिलाएं केवल अपने घर तक ही सीमित थी. लेकिन वक्त के साथ महिलाओं की भूमिका एवं योगदान भी बदला है. चाहे अंतरिक्ष तक पहुँचने की बात हो या देश की रक्षा करने का सवाल हो महिलाएं सभी जगह सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं. इस लिहाज से यदि इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं की सफ़लता से जोड़कर देखा जाए तो इस दिवस की सार्थकता अधिक हो जाएगी. उन्होंने बताया कि यद्यपि महिलाएं पहले की तुलना मने अधिक सशक्त हुयी हैं. लेकिन अभी भी कई घरों में घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित असामनता है. इसके लिए यह जरुरी है कि महिलाएं अपने मौलिक आधार को समझें एवं घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद कर मुखर होने की कोशिश करें. 


महिलाओं के लिए सामाजिक समानता एवं बेखौप माहौल जरुरी


रजनी सहाय ने बताया कि सफ़ल समाज, राज्य एवं देश की बुनियाद महिला एवं पुरुष के मध्य समानता से ही निर्मित होती है. महिला दिवस के मनाने के पीछे भी यही उद्देश्य है कि महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त हों. जब महिलाओं का योगदान समाज में समान है तो उन्हें समान रूप से अधिकार भी मिलने चाहिए. साथ ही आज के समय में कहीं न कहीं महिलाओं के भीतर असुरक्षा की भावना प्रबल हुयी है. इसके पीछे महिलाओं के साथ हो रहे यौन अपराध की भूमिका अधिक है. इसलिए यह जरुरी है कि महिलाओं के लिए भय मुक्त माहौल का निर्माण हो. इसमें सिर्फ़ सरकार की भूमिका नहीं हो सकती, बल्कि इसके लिए समाज के सभी लोगों को सहयोग करने की जरूरत होगी. ऐसा कोई घर नहीं होगा जहाँ महिलाएं नहीं हो. यदि घर के भीतर से ही महिलाओं को पुरुषों की तरह समानता दिया जाए एवं उनके लिए स्वतंत्र माहौल तैयार किया जाए तो महिला सशक्तिकरण के सपने को साकार करने में आसानी होगी

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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