पैड एवं सोप बैंक से बदलाव की बढ़ेगी उम्मीद



- सहयोगी संस्था द्वारा आईजीएसएस के सहयोग से सुपोषण परियोजना के तहत की व्यवस्था


- कटिहार के मनिहारी प्रखंड के 15 आँगनबाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों से हुई शुरुआत


कटिहार-


 जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी स्कूलों  में किशोरियों और बच्चों के लिए सहयोगी संस्था ने नई पहल की है। अब जिले की मनिहारी प्रखंड के 15 आँगनबाड़ी केंद्रों एवं सरकारी स्कूलों में पैड एवं सोप बैंक की व्यवस्था होगी। इसके लिए सहयोगी संस्था द्वारा आईजीएसएस के सहयोग से सुपोषण परियोजना के तहत शुक्रवार को की गई। बाल विकास परियोजना कार्यालय में बाल विकास कार्यक्रम पदाधिकारी, मनिहारी सुषमा भलेरिया तुडडू ने चिन्हित आंगनबाड़ी को पैड बैंक एवं सोप बैंक के स्थापना के लिए सामग्री प्रदान किया. 


पैड बैंक एवं सोप बैंक से बदलाव की उम्मीद: 


देश की प्रगति में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता की भूमिका सबसे अधिक है। लेकिन देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बेहतर स्वास्थ्य एवं स्वच्छता सुनिश्चित करना एक चुनौती है। जब स्वच्छता की बात आती है तो माहवारी स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है। अभी भी कई ग्रामीण एवं सुदूर क्षेत्र में किशोरियां एवं महिलाएं सेनेटरी पैड की जगह अस्वच्छ कपड़ों का इस्तेमाल करती है, जिसके पीछे ग्रामीण स्तर पर पैड की अनुपलब्धता एवं जागरूकता का आभाव भी है। अब आंगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूल में पैड बैंक से किशोरियों को सही समय पर सेनेटरी पैड मिल सकेगा। साथ ही कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के बीच सोप बैंक भी बच्चों एवं किशोरों के हाथों की स्वच्छता का ख्याल रखेगा। सोप बैंक में साबुन उपलब्ध होंगे जिसे आसानी से आंगनबाड़ी केंद्र एवं स्कूल स्तर पर बच्चे इसका लाभ उठा सकेंगे। 

साबुन से हाथ धोने का व्यव्हार पोषण के लिए जरुरी: 

बाल विकास कार्यक्रम पदाधिकारी, मनिहारी सुषमा भलेरिया तुडडू ने कहा कि किशोरी एवं महिलाएं आंगनवाडी पर बैठक में जब आती हैं तो उन्हें माहवारी स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में समस्या यह है कि जानकारी के बाद वो उसे प्राप्त कैसे करें. पैड बैंक की स्थापना से यह फायदा होगा कि किशोरी एवं महिलाएं आँगनबाड़ी केंद्र से इसे प्राप्त कर सकती हैं. यह न सिर्फ माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा देगा बल्कि महिलाओं एवं किशोरियों को केंद्र से भी जोड़ेगा. साथ ही केंद्र पर सोप बैंक भी स्थापित किया गया है जिससे हाथ धोने को बढ़ावा मिलेगा जो पोषण का एक महत्वपूर्ण आयाम है. 


स्वच्छता सुपोषण की आधारशिला है: 


सहयोगी संस्था की कार्यकारी निदेशक रजनी ने बताया कि सुपोषण स्वच्छता के रास्ते ही सुनिश्चित किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए ही सेनेटरी पैड एवं सोप बैंक की आँगनबाड़ी केंद्र एवं सरकारी स्कूलों में व्यवस्था की गई है। पैड एवं सोप बैंक की सोच के पीछे बच्चों एवं किशोरियों को सुपोषित करना है। कोरोना जैसी महामारी ने हाथों की स्वच्छता की जरूरत को उजागर भी किया है।लेकिन संसाधन की कमी कभी-कभी स्वच्छता को अपनाने में चुनौती पेश करती है। पैड बैंक एवं सोप बैंक इस लिहाज से एक सार्थक पहल साबित होगी।

वाश विशेषज्ञ राजू पाल ने कहा कि सहयोगी पैड बैंक एवं सोप बैंक के बारे में समुदाय में जागरूकता लेन के लिए लगातार बैठक आयोजित कर जानकारी प्रदान कर रही है. जानकारी के साथ सेवा की उपलब्धता आवश्यक होता है इसलिए इसकी स्थापना की गई ताकि जानकारी के साथ लोगों में व्यवहार परिवर्तन भी हो. 

मौके पर सहयोगी के वाश विशेषज्ञ राजू पाल के साथ मुकेश, बाल विकास परियोजना मनिहारी की महिला पर्यवेक्षिका फरीदा बेगम, अमृता कुमारी एवं समन्वयक नद्रह खानम उपस्थित रहीं.

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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