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बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने को लगातार काम कर रही हैं महिला पर्यवेक्षिका स्मृति कुमारी
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- Mar 18, 2021
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- जिले के बरियारपुर प्रखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र में घर- घर जाकर कुपोषण के प्रति लोगों को कर रही हैं जागरूक
- कुपोषण के शिकार बच्चे को चिह्नित कर पोषण और पुनर्वास केंद्र ( एनआरसी) मुंगेर में कराती हैं भर्ती
मुंगेर, 18 मार्च | जिले के बरियारपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बरियारपुर ग्रामीण के हरिणमार, खड़िया- पिपरा, परैया करहरिया दक्षिण क्षेत्र में आईसीडीएस की महिला पर्यवेक्षिका स्मृति कुमारी महिला के गर्भधारण करने से लेकर बच्चे के जन्म और उसके बाद छह वर्षों तक लगातार गर्भवती महिला, धातृ महिला के साथ ही गर्भस्थ शिशु, नवजात शिशु और छोटे- छोटे बच्चों को कुपोषण से मुक्ति के लिए काम कर रही हैं । क्षेत्र भ्रमण के दौरान घर- घर जाकर वह गर्भवती महिलाओं से मिलकर उन्हें पोषक तत्वों से युक्त आहार लेने की सलाह देती हैं | ताकि गर्भवस्था के दौरान उसे खून में हीमोग्लोबिन की कमी या एनीमिया की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए वो गर्भवती महिला के घर पर या आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषक तत्वों से युक्त हरी- साग सब्जी, मौसमी फल, प्रोटीन युक्त दाल, आयरन की गोली सहित अन्य पोषक तत्वों से गर्भवती महिला की गोद भराई की रस्म अदायगी के साथ ही दूध, मांस- मछली, अंडा सहित अन्य पोषक खाद्य पदार्थ खाने की सलाह देती हैं। धातृ महिलाओं से मिलकर उन्हें खुद कुपोषण से बचने के लिए पोषक आहार लेने की सलाह देने के साथ कम से कम छह महीने तक बच्चे को सिर्फ और सिर्फ अपना स्तनपान कराने की सलाह देती हैं । वह महिलाओं को बताती हैं कि इस दौरान बच्चे को अलग से पानी भी देने की मनाही होती है| क्योंकि मां के दूध में 80 प्रतिशत तक पानी होता है इसलिए उन्हें अलग से पानी देने कि कोई आवश्यकता नहीं है। धातृ महिलाओं को वह बताती कि छह महीने के बाद ही स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार के तौर पर हल्का खाना जैसे दलिया, खिचड़ी, सूजी का हलवा, खीर सहित अन्य हल्के खाद्य पदार्थ दे सकते हैं। बच्चे को अनुपूरक आहार की शुरुआत कराने के लिए प्रत्येक महीने की 19 तारीख को आंगनबाड़ी केंद्रों और घरों में भी अन्नप्राशन संस्कार का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही धातृ महिलाएं अपने बच्चे को 2 वर्ष तक अपना स्तनपान करवा सकती हैं ।
नवजात शिशु और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण की लगातार मॉनिटरिंग करती-
महिला पर्यवेक्षिका स्मृति कुमारी ने बताया कि वो गर्भस्थ शिशु के साथ ही 0 से लेकर 3 वर्ष तक नवजात शिशु और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण की लगातार मॉनिटरिंग करती हैं | ताकि बच्चा कुपोषण का शिकार होकर बीमार न हो जाय। इसके साथ ही 03 वर्ष से लेकर 06 वर्ष तक जब बच्चा आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने के लिए आता है तो इस दौरान भी उसके स्वास्थ्य और पोषण की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। इस दौरान नवजात बच्चे के कुपोषित होने पर बेहतर इलाज और देखभाल के लिए जिला मुख्यालय स्थित स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट ( एसएनसीयू) और अन्य बच्चे को पोषण एवं पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया जाता है।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान एक बच्चा के कुपोषित होने पर कराया था एनआरसी में भर्ती :
महिला पर्यवेक्षिका स्मृति कुमारी ने बताया कि एक बार क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि एक दो साल का लड़का चाहत कुमार अपनी उम्र के हिसाब से काफी कम वजन और कुपोषण का शिकार है। दो वर्ष का होने के बावजूद वो वजन के हिसाब से सिर्फ एक वर्ष का लग रहा था| उसका वजन भी सिर्फ 5 से 7 किलो का प्रतीत हो रहा था। इसके बाद मैंने बच्चे के पिता रविंद्र कुमार और माता रेशमी देवी से बातकर बच्चे को कुपोषण से मुक्ति दिलाने और बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल मुंगेर स्थित पोषण और पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) केंद्र में भर्ती कराया । एनआरसी मुंगेर में सही देखभाल और बेहतर इलाज के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गया और उसके वजन में भी उम्र के अनुसार बढ़ोतरी हुई।
कुपोषित बच्चों को सदर अस्पताल मुंगेर स्थित पोषण और पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाता
पोषण और पुनर्वास केंद्र ( एनआरसी) मुंगेर के नोडल अधिकारी विकास कुमार ने बताया कि जिले के सभी प्रखण्डों में काम कर रही आईसीडीएस की महिला पर्यवेक्षिका के द्वारा कुपोषित बच्चों को सदर अस्पताल मुंगेर स्थित पोषण और पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया जाता है। यहां 15 से 20 दिनों तक बच्चे को रखकर उसके पोषण स्तर में सुधार के लिए पोषक तत्वों से युक्त भोजन के साथ ही उपयुक्त दवाइयां भी दी जाती हैं । निर्धारित अवधि तक बच्चे की पूरी तरीके से मॉनिटरिंग की जाती है। इसके बाद बच्चे के स्वास्थ्य और वजन में सकारात्मक सुधार के बाद ही उसे डिस्चार्ज किया जाता है। बताया कि एनआरसी मुंगेर जिले के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सदैव क्रियाशील है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar