जन्म से दिल में छेद वाले 16 बच्चे हुए अहमदाबाद के लिए रवाना

 

वायुयान से सरकारी खर्च पर भेजे गए सभी बच्चे

दिल में छेद वाले 20 बच्चों का हो चुका है सफ़ल ईलाज

परिवहन के लिए राशि की गयी दोगुनी, अब मिलेंगे 10000 रूपये  

‘बाल हृदय योजना’ के तहत प्रदान की जा रही है सुविधा 

प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के सहयोग से होगा ईलाज


पटना/ 8, जुलाई: 


जन्म से दिल में छेद वाले 16 बच्चों के दल को गुरूवार को वायुयान से ईलाज के लिए अहमदाबाद भेजा गया। सभी भेजे गए बच्चों का ईलाज प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के सहयोग से ईलाज होगा। इसके पूर्व 2 अप्रैल को भी जन्म से दिल में छेद वाले 21 बच्चों के दल को ईलाज के लिए अहमदाबाद भेजा गया था, जिसमें 20 बच्चों का सफ़ल ईलाज हो चुका है एवं 1 बच्चे का ईलाज जारी है। 


परिवहन के लिए अब मिलेगी दोगुनी राशि:

 

प्रथम दल के इलाज के क्रम में प्राप्त अनुभव के आधार पर में 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के साथ उसके माँ के अतिरिक्त एक और परिचर के खर्च का वहन करने का निर्णय राज्य सरकार के द्वारा लिया गया है जो लागू हो गया है। साथ ही राज्य के बाहर के चिन्हित चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल/ निजी अस्पताल में चिकित्सा के लिए आने जाने के लिए परिवहन भाड़े के रूप में बाल हृदय रोगी के लिये 5,000 रूपये एवं अटेंडेंट के लिए अधिकतम धन राशी भी 5,000 हजार रूपये से बढ़ाकर 10,000 रूपये कर दी गई है, जिसका वहन राज्य सरकार करेगी। समन्वय हेतु एक समन्वयक साथ रहेंगे जो इलाज के उपरांत बच्चों के साथ वापस आएंगे। बच्चों का नि:शुल्क उपचार किया जाएगा।

 

199 बच्चों की इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में हुयी है जाँच:

 

सरकार द्वारा जन्म से हृदय में छेद वाले बच्चों के समुचित ईलाज के लिए प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन को चिन्हित किया गया एवं 13 फरवरी, 2021 को इसके साथ सरकार ने एमयू हस्ताक्षरित किया। समझौते के तहत प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के अहमदाबाद स्थित अस्पताल में जन्म से दिल में छेद वाले बच्चों के ईलाज की सहमति बनाई गयी। इसी क्रम में 10 मार्च, 2021 को 126 बच्चों का तथा 11 मार्च, 2021 को इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना’’ में 73 बच्चों की जांच प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के डॉक्टरों तथा संबंधित संस्थान के डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से की गई।


‘‘बाल हृदय योजना’’ कार्यक्रम के तहत दी जा रही है सुविधा


सुशासन के कार्यक्रम (2020-2025) के अन्तर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 में शामिल ‘‘सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा’’ अन्तर्गत हृदय में छेद के साथ जन्में बच्चों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था हेतु स्वीकृत नई योजना ‘‘बाल हृदय योजना’’ कार्यक्रम के तहत यह सुविधा प्रदान की जा रही है।


100 बच्चों में 9 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से होते हैं ग्रसित 


बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या/बीमारी है। एक अध्ययन के अनुसार जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में से 9 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित होते हैं, जिनमें से लगभग 25 प्रतिशत नवजात बच्चों को प्रथम वर्ष में शल्य क्रिया की आवश्यकता रहती है।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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