निक्षय पोषण योजना से टीबी मरीजों को पोषक आहार के लिए मिलती है 500 रुपये प्रति माह की प्रोत्साहन राशि



- डायरेक्ट बेनिफिसरी ट्रांसफर का लाभ लेने को टीबी का इलाज करा रहे मरीजों को "निक्षय पोषण " वेबपोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद जारी करवाना पड़ता है नोटिफिकेशन 


- इस योजना के तहत टीबी मरीज के साथ- साथ प्राइवेट डॉक्टर और ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी मिलती है आर्थिक प्रोत्साहन राशि 


मुंगेर-


 सन 2018 के अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू की गई सरकार की महत्वकांक्षी योजना " निक्षय पोषण योजना " के तहत टीबी मरीजों को पोषक आहार के लिए 500 रुपये प्रति माह की  दर से इलाज शुरू होने के छह महीने तक आर्थिक प्रोत्साहन राशि दी जाती है। डायरेक्ट बेनिफिसरी ट्रांसफ़र (डीबीटी) स्कीम के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि के लिए टीबी मरीजों को सबसे पहले जहां वो टीबी का इलाज करवा रहे हैं उस प्राइवेट डॉक्टर या अपने नजदीकी टीबी पर्यवेक्षक से मिलकर अपना सारा डिटेल्स (अकाउंट्स) " निक्षय पोषण" वेब पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद नोटिफिकेशन जारी करवा लेना आवश्यक है। 

" निक्षय पोषण योजना " का लाभ लेने के लिए टीबी मरीजों के लिए क्या कुछ है आवश्यक : 

इस योजना का लाभ सभी प्रकार के मरीजों जिनका इलाज सरकारी अस्पताल या प्राइवेट डॉक्टर के यहां चल रहा हो को इलाज कि अवधि तक 500 रुपए प्रति महीने पौष्टिक आहार के लिए दिया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए टीबी मरीज के पास डॉक्टर का पुर्जा, आधार कार्ड या कोई भी सरकारी पहचान पत्र एवं बैंक पासबुक की  छाया प्रति अपने अस्पताल या प्राइवेट डॉक्टर के यहां जहां टीबी मरीज का चल रहा हो वहां जमा करना होता है ताकि मरीज के नाम का नोटिफिकेशन जारी हो सके और उसे डीबीटी का लाभ मिल सके। डीबीटी के जरिये प्रोत्साहन राशि सिर्फ बचत (सेविंग) बैंक या पोस्ट ऑफिस ही मान्य है बैंक एफडी,आरडी, पीएफ, चालू खाता मान्य नहीं है।  इसके साथ ही वैसा बैंक खाता ही मान्य है जिसमें पिछले तीन महीने के दौरान लेन देन की गई हो या फिर जिस खाता में विदेश से किसी तरह का पैसा का लेन देन नहीं किया गया हो। इसके विपरीत जिस बैंक खाते में पिछ्ले तीन महीने से कोई लेन देन नहीं किया गया हो या फिर जो बैंक एकाउंट बंद हो उसमें डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर नहीं हो सकती है। 


"निक्षय पोषण योजना" के तहत बेनिफिसरी के अलावे प्राइवेट डॉक्टर और ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी जाती है आर्थिक प्रोत्साहन राशि : 

जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर में जिला टीबी/ एचआइवी समन्वयक शलेन्दु कुमार ने बताया कि "निक्षय पोषण योजना" के तहत टीबी मरीजों के अलावा  प्राइवेट डॉक्टर को टीबी मरीज का नोटिफिकेशन कराने पर 500 रुपये और इलाज के बाद इलाज पूरी होने या आउटकम मिलने पर 500 रुपये कुल 1000 रुपये कि आर्थिक प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से सरकार द्वारा दी जाती है। इसके साथ ही ट्रीटमेंट सपोर्टर के रूप में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका के साथ ही एनओआईसी से प्रशिक्षित वोलेंटियर को ड्रग सेंसेटिव फर्स्ट लाइन मरीज की  पहचान कर नोटिफिकेशन करवाने पर 1000 रुपये और ड्रग रेस्टेन्ट सेकेंड लाइन मरीज की  पहचान कर नोटिफिकेशन करवाने पर 5000 रुपये तक की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से सरकार के द्वारा दी जाती है। 


जिले के सभी टीबी मरीज जिनका  इलाज सरकारी या प्राइवेट डॉक्टर के यहां चल रहा है और जो इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं से अपील करते हुए जिला टीबी/ एचआईवी  समन्यक शैलेन्दु कुमार ने कहा कि जिले भर के वैसे सभी मरीज जो टीबी की  दवा खा रहे हैं और उन्हें 'निक्षय पोषण योजना' के तहत डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पा रही है वो सभी लोग तत्काल अपने प्राइवेट डॉक्टर जहां से वो टीबी कि दवा कहा रहे हैं या नजदीकी यक्ष्मा पर्यवेक्षक से मिलकर अपना नाम और पूरा डिटेल्स ( बैंक डिटेल्स) सहित निक्षय पोषण ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड करवाने के साथ नोटिफिकेशन जारी करवा लें ताकि उन्हें डीबीटी के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा दी जारी आर्थिक प्रोत्साहन राशि मिल सके।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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