राष्ट्रीय पोषण माह: पोषाहार और अच्छी सेहत के लिए लगातार जागरूक कर रही हैं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ



- मुंगेर जिले के इटहरी गांव स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत हैं कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर अर्चना कुमारी 


- चार अलग-अलग थीम के अनुसार किया जा रहा है कार्यक्रमों का आयोजन 


मुंगेर-


 जिला भर में 01 से 30 सितंबर तक मनाए जा रहे राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान गर्भवती महिलाओं, बच्चों को स्तनपान कराने वाली माताओं, छोटे- छोटे बच्चों की माताओं सहित अन्य लोगों को 

 पोषाहार के साथ - साथ योगाभ्यास के लिए भी प्रेरित कर रही हैं कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर अर्चना कुमारी। जिला के नौवागढ़ी क्षेत्र अंतर्गत इटहरी गांव स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर अर्चना कुमारी लोगों को पोषक तत्वों से युक्त संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं ताकि गर्भवती महिलाओं, धातृ माताओं के साथ-साथ छोटे- छोटे बच्चों का सही और संतुलित शारीरिक और मानसिक विकास हो सके।

 

स्तनपान कराने वाली माताओं को संतुलित पोषाहार के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी : 

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इटहरी की सीएचओ अर्चना कुमारी ने बताया कि बुधवार को यहां आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं, शिशु को स्तनपान कराने वाली माताओं को संतुलित पोषाहार (बैलेन्स डाइट) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई| उन्हें बताया गया कि सभी लोगों को अपने खाने- पीने में पोषक तत्वों से युक्त स्थानीय खाद्य पदार्थो का इस्तेमाल करना है| ताकि गर्भस्थ शिशु, नवजात शिशु सहित अन्य बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है। उन्होने बताया कि शिशु को स्तनपान कराने वाली माताओं को शिशु को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान ही कराने की सलाह दी गई । इस दौरान उन्हें अलग से पानी भी नहीं देने की सलाह दी गई क्योंकि मां के दूध में शिशु के लिए आवश्यक 90 प्रतिशत पानी की मात्रा मौजूद रहती है। इसके अलावा शिशु के छह महीने का होने के बाद ही मां के स्तनपान के साथ अलग से ऊपरी आहार दिया जाना चाहिये।  


राष्ट्रीय पोषण माह के चार अलग- अलग हफ्तों में अलग-अलग थीम पर आयोजित किया जा रहा है कार्यक्रम : 

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के पहले हफ्ते 01 से 07 सितंबर तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इटहरी पर पोषण सप्ताह मनाया गया। इस दौरान बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए पोषण के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। इसके लिए एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका के सहयोग से घर- घर जाकर लोगों को कुपोषण से बचने के लिए पोषक तत्वों से युक्त स्थानीय खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल के लिए जागरूक किया गया। इसके साथ ही पोषण के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान एएनएम, आशा के द्वारा चिन्हित किए गए अतिकुपोषित बच्चे को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य के लिए पोषण एवम पुनर्वास केंद्र मुंगेर भेज दिया गया। दूसरे हफ्ते 08 से 15 सितंबर के दौरान संतुलित पोषाहार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी तरह तीसरे हफ्ते में 16 से 22 सितंबर तक मोटापा के शिकार लोगों को अपने खानपान में संतुलित पोषाहार का इस्तेमाल करने के साथ- साथ मोटापा को कम करने के लिए नियमित योगाभ्यास और व्यायाम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय पोषण माह के अंतिम और चौथे सप्ताह में विश्व ह्रदय रोग सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान हृदय रोगियों की एनसीडी स्क्रीनिंग और   ब्लड प्रेशर की भी जांच की जाएगी| साथ ही खानपान में संतुलित मात्रा का ही इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस दौरान पद यात्रा और  साइकिल रैली जैसी कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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