- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
घर-घर जाकर की जा रही है मरीजों की खोज और स्वास्थ्य जाँच
- by
- Sep 10, 2021
- 1095 views
-अलौली के सूरजनगर गाँव में कालाजार उन्मूलन को लेकर सघन मरीज खोज अभियान
- स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के सहयोग से चल रहा है अभियान
-
खगड़िया, 10 सितंबर| जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत सूरजनगर गाँव में कालाजार उन्मूलन को लेकर लगातार सघन कालाजार मरीज खोज अभियान चल रहा है। यह अभियान स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के सहयोग से चल रहा है। जिसके दौरान घर-घर जाकर नियमित तौर पर मरीजों की खोज और लोगों की स्वास्थ्य जाँच की जा रही है। ताकि शुरुआती दौर में मरीजों की पहचान हो सके और संबंधित मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा सके। साथ ही पूरे गाँव के लोग इस बीमारी से सुरक्षित हों। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिला वेक्टर रोग जनित पदाधिकारी डॉ विजय कुमार के निर्देशानुसार अलौली पीएचसी प्रभारी डाॅ मनीष कुमार के नेतृत्व में उक्त गाँव में स्वास्थ्य टीम द्वारा सघन अभियान चलाकर डीडीटी का छिड़काव एवं मरीजों की पहचान के लिए लोगों की स्वास्थ्य जाँच की गयी । स्वास्थ्य टीम में आशा रेणु कुमारी, भीबीडीएस अरूण कुमार, केयर इंडिया के प्रखंड समन्वयक संजय राम मौजूद थे।
- जिले में 30% इसी गाँव के मिले थे मरीज :
जिला वेक्टर रोग जनित पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया, जिले में जितने मरीज मिले थे, उसमें 30% मरीज इसी गाँव थे। जिसके कारण इस गाँव को प्राथमिकता देते हुए कालाजार उन्मूलन को लेकर पूरे गाँव में सघन अभियान चलाया गया। जिसके दौरान हर 15 दिन पर लगातार डीडीटी छिड़काव किया गया एवं नियमित तौर पर घर-घर जाकर संभावित मरीजों की खोज के लिए लोगों की स्वास्थ्य जाँच की गयी । जिसका सकारात्मक परिणाम यह है कि बीते एक माह से इस गाँव में एक भी कालाजार से पीड़ित नए मरीज नहीं मिले हैं।
- मरीजों को आर्थिक सहायता का मिलता है लाभ :
अलौली पीएचसी प्रभारी डाॅ मनीष कुमार ने बताया, कालाजार से पीड़ित रोगी को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में बीमार व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए और केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते हैं। यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दी जाती है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से 4000 रुपए दिए जाते हैं।
- कालाजार से बचाव के लिए डीडीटी छिड़काव ही सबसे बेहतर उपाय :
केयर इंडिया के डीपीओ-भीएल कृष्णा कुमार ने बताया, कालाजार से बचाव के लिए डीडीटी छिड़काव ही सबसे बेहतर उपाय है। साथ ही इससे बचाव के लिए लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को साफ-सफाई समेत रहन-सहन में बदलाव करने की आवश्यकता है। वहीं, उन्होंने बताया, कालाजार मादा बालू मक्खी (सैन्ड फ्लाई) के काटने से फैलता है। डीडीटी के छिड़काव से ही बालू मक्खी के प्रभाव को पूर्णत: खत्म किया जा सकता है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डीडीटी का छिड़काव कराया जा रहा है। जिससे बालू मक्खी को समाप्त किया जा सके।
- लक्षण दिखते ही कराएं इलाज, सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित व्यवस्था
अलौली पीएचसी में तैनात केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक कृष्ण नंदन रमण ने बताया, लोगों को कालाजार का लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जाँच करानी चाहिए और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार उचित व समुचित इलाज कराना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इन बीमारियों से बचने के जमीन (सतह) पर नहीं सोएं । मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें ।
- कालाजार के लक्षण :
- लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
- वजन में लगातार कमी होना।
- दुर्बलता।
- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
- प्लीहा में नुकसान होता है।
- छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
- छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
- अपने क्षेत्र में कीटनाशक (एस पी) छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar