लखीसराय के जन्मजात हृदयरोग से पीड़ित बच्चे को इलाज के लिए भेजा गया अहमदाबाद

- बच्चे का अहमदाबाद में निःशुल्क होगा ऑपरेशन, मुफ्त मिलेगी सभी सुविधाएं
- आरबीएसके की टीम की पहल पर अभिभावक संग पीड़ित बच्चे को भेजा गया अस्पताल

लखीसराय-

लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने को लेकर जहाँ सरकार पूरी तरह गंभीर है वहीं, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसे सार्थक बनाने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के लखीसराय प्रखंड में एक ऐसे बच्चे की खोज की गई, जो जन्मजात यानी जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित है। पीड़ित बच्चा रामेश्वर केवट के 06 माह का पुत्र आदित्य कुमार है। पीड़ित बच्चे के अभिभावक अपने बच्चे का समुचित इलाज और स्वस्थ होने की उम्मीद छोड़ चुके थे। किन्तु, अब बच्चे का सरकार के सहयोग एवं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की पहल पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना से समुचित इलाज होगा। वहीं, पीड़ित बच्चे को सोमवार को सरकारी एम्बुलेंस से पटना भेजा गया। वहाँ से हवाई जहाज से बच्चे को अभिभावक के साथ श्री सत्य साईं अस्पताल भेजा जाएगा। जहाँ बच्चे का निःशुल्क ऑपरेशन एवं समुचित इलाज होगा। वहीं, एंबुलेंस को सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर लखीसराय से पटना के लिए रवाना किया।

- पीड़ित बच्चे को सभी सुविधाएं मिलेगी मुफ्त, परिजनों को नहीं उठाना पड़ेगा खर्च :
सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, पीड़ित बच्चे को आने-जाने समेत सभी सुविधाएं यानी ऑपरेशन से लेकर समुचित इलाज तक की सुविधाएं पूरी तरह मुफ्त मिलेगी। इस दौरान अभिभावक को किसी प्रकार का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा। वहीं, उन्होंने बताया, बच्चे को सोमवार को यहाँ से 102 एम्बुलेंस के माध्यम से नि:शुल्क राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (एसआईएचएफडब्ल्यू) शेखपुरा पटना भेजा गया। वहाँ से नि:शुक्ल समुचित इलाज के लिए फ्लाइट के माध्यम से अभिभावक संग श्री सत्य हार्ट हृदय अस्पताल अहमदाबाद भेजा जाएगा।

- पीड़ित बच्चों का निःशुल्क होगा समुचित इलाज :
बच्चे को चिह्नित एवं इस पूरे मामले का नेतृत्व कर रहे आरबीएसके के चिकित्सक डाॅ शिव शंकर कुमार ने बताया, जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित बच्चे आदित्य कुमार का निःशुल्क समुचित इलाज होगा। आदित्य के दिल में छेद है। वहीं, उन्होंने बताया, बच्चे के साथ-साथ अभिभावक का भी खर्च सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगते हैं। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है। ऐसे बच्चों का आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) द्वारा इलाज कराया जाता है।

- छोड़ चुके थे इलाज की उम्मीद, अब जगी उम्मीद की नई किरण :
पीड़ित बच्चे के अभिभावक रामेश्वर केवट ने बताया, हमलोग तो अपने बच्चे के समुचित और स्थाई इलाज की उम्मीद ही छोड़ चुके थे। क्योंकि, ना ही स्थानीय स्तर पर समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध थी और ना ही बाहर में इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसा था। किन्तु, इसी बीच जब स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुचित इलाज, वो भी पूरी तरह मुफ्त होने की जानकारी मिली कि पूरे परिवार में उम्मीद की नई किरण जग गई। इसके लिए मैं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सरकार का ताउम्र ऋणी रहूँगा। वहीं, बच्चे के अभिभावक ने इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया है।
- इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :
- मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
- अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
- विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें।
- नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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