आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर ढूंढ रहीं योग्य दंपति

 

-22 नवंबर से जिले में चलेगा परिवार नियोजन पखवाड़ा अभियान 

-आशा लोगों को परिवार नियोजन के प्रति भी कर रहीं जागरूक

बांका, 16 नवंबर।

परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर योग्य दंपति को ढूंढ रही हैं। क्षेत्र में सर्वेक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ता लोगों से 22 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाले परिवार नियोजन पखवाड़ा के लिए दंपतियों से पूछकर उनसे सेवाओं के बारे में पूछ रही हैं। जो दंपति जिस सेवा को लेने में इच्छुक दिख रहे हैं, उनका नाम रजिस्टर्ड में दर्ज किया जा रहा है। मालूम हो कि परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत लोगों को अंतरा, कॉपर टी और कंडोम उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही इस दौरान बंध्याकरण भी किया जाएगा। जो लोग अभी बंध्याकरण कराने की बात कह रहे हैं, उनका भी नाम रजिस्टर्ड किया जा रहा है। इससे पहले भी कोई बंध्याकरण में दिलचस्पी ले रहे हैं, उनका बंध्याकरण कराया जा रहा है।

एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी कहते हैं कि परिवार नियोजन सेवा सालों भर दी जाती है। 22 नवंबर से परिवार नियोजन पखवाड़ा चलेगा, इसे लेकर आशा कार्यकर्ता अभी इच्छुक योग्य दंपति की सूची बना रही हैं। जब पखवाड़ा शुरू हो जाएगा, तब सूची के अनुसार उन्हें वह सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। क्षेत्र में सर्वे के दौरान आशा कार्यकर्ता लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक भी कर रही हैं। उन्हें परिवार नियोजन से होने वाले फायदे के बारे में भी जागरूक कर रही हैं।

इस बार पुरुष नसबंदी पर रहेगा फोकसः वैसे तो परिवार नियोजन में इससे संबंधित सभी तरह की सुविधा लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन इस बार पुरुष नसबंदी पर फोकस किया जाएगा। सर्वे के दौरान आशा कार्यकर्ता लोगों को पुरुष नसबंदी को लेकर भी जागरूक कर रही हैं। लोगों के मन में पुरुष नसबंदी से संबंधित जो भ्रम है, उसे दूर कर रही हैं। लोगों को आशा कार्यकर्ता बता रही हैं कि पुरुष नसबंदी कराने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। साथ ही महिलाओं के बंध्याकरण के मुकाबले यह काफी आसान भी है। इसलिए लोग पुरुष नसबंदी के तहत आगे आएं, यह अपील की जा रही हैं। 

योग्य दंपतियों की होगी काउंसिलिंगः परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत योग्य दंपतियों की काउंसिलिंग भी की जाएगी। इस दौरान दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल रखने के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्हें समझाया जाएगा कि दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल रखने से जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है।  साथ ही पहला बच्चा 20 साल के बाद ही प्लानिंग करने की सलाह दी जाएगी। दो बच्चे बच्चे रहने से लोगों को आर्थिक सहूलियत मिलती है। उन्हें पढ़ाने से लेकर सही पौष्टिक देने में भी परिवार को सहूलियत होती है। साथ ही दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है, इससे वह भविष्य में होने वाले किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम रहता है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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