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जिले में परिवार नियोजन पखवाड़ा का आगाज
-सिविल सर्जन ने प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
-अस्पतालों में लगे मेले पर परिवार नियोजन की सामग्री बंटी
बांका, 22 नवंबर।
जिले में परिवार नियोजन पखवाड़ा का सोमवार को आगाज हो गया। सदर अस्पताल समेत जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में मेले का भी आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार महतो और एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने परिवार नियोजन पखवाड़ा का उद्घाटन किया। साथ ही सभी प्रखंडों के लिए प्रचार रथ को भी रवाना किया। प्रचार रथ के जरिये सभी प्रखंडों में लोगों को परिवार नियोजन को लेकर जागरूक किया जाएगा। परिवार नियोजन पखवाड़ा 4 दिसबंर तक चलेगा। इस दौरान जिले के लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री का वितरण किया जाएगा। साथ ही योग्य दंपति को बंध्याकरण के लिए जागरूक किया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार महतो ने बताया कि परिवार नियोजन पखवाड़ा का आगाज हो गया है। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर लोगों से संपर्क कर रही हैं। योग्य दंपति को अस्पताल लाकर बंध्याकरण कराया जाएगा। इसे लेकर 15 से 21 नवंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह मनाया गया। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र के योग्य दंपतियों को चिह्नित किया। एक सूची बनाई गई। अब उसके अनुसार काम किया जाएगा। साथ ही जिनलोगों का नाम सूची में दर्ज नहीं हो सका और वह बंध्याकरण के इच्छुक हैं तो उनका भी ऑपरेशन किया जाएगा।
मेले में परिवार नियोजन की सामग्री का वितरणः परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों में लगे मेले के स्टॉलों पर लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री दी गई। कंडोम, कॉपर-टी और अंतरा का वितरण किया गया। लोगों को परिवार नियोजन में इसका इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया गया। उन्हें समझाया गया कि इससे किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसलिए परिवार नियोजन को लेकर निःसंकोच इसका इश्तेमाल करें।
पुरुष नसबंदी पर रहेगा फोकसः एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि परिवार नियोजन पखवाड़ा में इस बार पुरुष नसबंदी पर फोकस किया जाएगा। इसे लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। लोगों को समझाया जा रहा है कि महिला के मुकाबले पुरुष की नसबंदी ज्यादा आसान है और इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। इसलिए लोग अपने अंदर से डर को निकालें और पुरुष नसबंदी के लिए आगे आएं। परिवार नियोजन के कई फायदे हैं। छोटा और सुखी परिवार रहने से न सिर्फ स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि परिवारों को आर्थिक सुविधा भी मिलती है।
एक बच्चे बाले दंपति की होगी काउंसिलिंगः परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले के एक बच्चे ञवाले दंपति की काउंसिलिंग की जाएगी। उन्हें दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रखने की सलाह दी जाएगी। दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है। बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से वह लड़ने में सक्षम होता है। साथ ही नवविवाहिताओं को पहले बच्चे की योजना 20 साल के बाद ही करने की भी सलाह दी जाएगी। बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों पर एएनएम सभी लोगों को जागरूक करने का काम करेंगी।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar