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सीईसी के निदेशक प्रो. जेबी नड्डा ने आर्यभट्ट ज्ञान विवि में एसजेएमसी के छात्रों को संबोधित किया
- नये शिक्षा नीति के बारे में छात्रों को बताया
- देश में उच्च शिक्षा का स्तर 28 प्रतिशत है
- डिजिटल शिक्षा का विस्तार जरूरी है
- सबको शिक्षा का अवसर मुहैया कराना चुनौती
पटना -
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में स्थित स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रो. नड्डा ने नये शिक्षा नीति के बारे में उनको जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नये शिक्षा नीति का उद्देश्य देश की शिक्षा में संरचनात्मक परिवर्तन लाना है। साथ ही यह संगठनात्मक परिवर्तन के लिए भी है। देश में उच्च शिक्षा का स्तर 28 प्रतिशत है जिसे 2035 तक 50 प्रतिशत तक ले कर जाना है। यह एक कठिन चुनौती है। देश में अभी चालीस हजार के आसपास कॉलेज है। जो की सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों से हैं। वर्तमान में सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालय सब मिल कर भी इस लक्ष्य को नहीं पा सकते है। इस लक्ष्य को पाने का मात्र एक ही रास्ता है वह है डिजिटल शिक्षा का विस्तार। यह डिजिटल यूनिवर्सिटी बना कर ही संभव हो सकता है। जिसे आभासीय विश्वविद्यालय भी कहा जा सकता है।
देश के सामने सबको शिक्षा का अवसर मुहैया कराने की चुनौती है
देश के सामने सबको शिक्षा का अवसर मुहैया कराने की चुनौती है। यह हमारे लिए एक अवसर की तरह भी है। यह सपना डिजिटल यूनिवर्सिटी बना कर ही पूरा किया जा सकता है। आपको हैरानी होगी पाकिस्तान में पहले से ही डिजिटल यूनिवर्सिटी मौजूद है। एक बात जो गौर वाली है वह यह है कि हमारी यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की भी काफी कमी है। डिजिटल यूनिवर्सिटी के पास इस समस्या का भी हल है।
नये शिक्षा नीति में अंतर - अनुशासनिक शिक्षा की भी बात की गई है
नये शिक्षा नीति में अंतर - अनुशासनिक शिक्षा की भी बात की गई है। हम लोगों को समग्रता में विकास करना होगा। जो विद्यार्थी भूगोल ले कर पढ़ाई कर रहें है उन्हें इतिहास भी जानना होगा। इस नई नीति के तहत विद्यार्थियों को पसंद की विषय लेने की छूट होगी। अभी हम सिस्टम की कठोरता के कारण यह हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
डिजिटल माध्यम में कम समय में अपनी बात कहना आना चाहिए
डिजिटल संचार के बारे में उन्होंने बताया की यहां पर कम समय में अपनी बात कहना आना चाहिए। डिजिटल दूनिया में व्याकरण की अवधारणा समाप्त हो गई है। सबसे जरूरी है कि आप संपर्क कर पा रहे है कि नहीं। संचार में संदेश का बहुत मायने है। शरीर हमेशा शब्दों से ज्यादा संचार करता है।
अपना जीवन चुनें, अपनी ताकत को जानें
विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहां की अपना जीवन चुनें, अपनी ताकत को जानें, अपनी रुचि का पीछा करें। प्रो. जगत भूषण नड्डा, सीईसी के निदेशक है। शैक्षिक संचार के लिए कंसोर्टियम, जिसे सीईसी के नाम से जाना जाता है, भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्थापित अंतर विश्वविद्यालय केंद्रों में से एक है। यह उभरती सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उचित उपयोग के साथ टेलीविजन के शक्तिशाली माध्यम के माध्यम से उच्च शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य के साथ स्थापित किया गया है। प्रो. जगत भूषण नड्डा एक कुशल शिक्षाविद, प्रशासक और एक विद्वान हैं, जिन्हें सैंतीस की कम उम्र में प्रबंधन में प्रोफेसर नियुक्त होने का गौरव प्राप्त है। तब से देश भर में आठ अलग-अलग प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और उच्च स्तर के संस्थानों में संकाय के रूप में काम किया है।
इस मौके पर स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के निदेशक, डॉ इफ्तेख़ार अहमद, बिहार के एमएलसी राजेन्द्र गुप्ता कोऑर्डिनेटर डॉ मनीषा प्रकाश और शिक्षक डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ अमित कुमार, डॉ अफ़ाक हैदर उपस्थित रहें।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar