आशा कार्यकर्ता की सकारात्मक पहल से स्वस्थ्य हुई अति कुपोषित बच्ची

 
 
- जन्म के बाद से कुपोषण की समस्या से जूझ रही थी 4माह की बच्ची, गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता की पड़ी थी नजर 
- आशा कार्यकर्ता के सहयोग से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नवजात को मिली समुचित इलाज की सुविधा 
 
लखीसराय, 14 फरवरी-
 
बात कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान की है। जब लखीसराय पीएचसी के अधीनस्थ मोरमा पंचायत के पतनेर गाँव के मुसहरी टोला में संचालित स्वास्थ्य उपकेंद्र क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता पप्पी कुमारी को गृह भ्रमण के दौरान अति कुपोषण की समस्या से जूझ रही 04 माह की एक बच्ची मिली। जिसके बाद आशा कार्यकर्ता ने ना सिर्फ बच्ची के परिजनों को नवजात की समुचित इलाज के लिए अस्पताल की राह दिखाई बल्कि, खुद भी अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया। वह परिजनों के साथ खड़ी रहकर सकारात्मक पहल की राह पर डटी रही। उसने खुद की मौजूदगी में बच्ची का इलाज करवाया। जिसका सकारात्मक परिणाम यह है कि बच्ची ना सिर्फ कुपोषण को मात देने में सफल रही बल्कि, आज सामान्य बच्चों की तरह पूरी तरह स्वस्थ्य भी है। यह सब आशा कार्यकर्ता की सकारात्मक पहल से ही संभव हुआ। पीड़ित बच्ची मुसहरी टोला के  निवासी राजू मांझी और सरस्वती कुमारी की पुत्री सुनीता कुमारी है। जो जन्म के बाद से ही अति कुपोषण की समस्या से जूझ रही थी, पर आशा कार्यकर्ता के सहयोग से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने से आज पूरी तरह शारीरिक रूप से स्वस्थ्य है। 
 
- समुचित इलाज के लिए शिशु को एसएनसीयू में कराया भर्ती : 
आशा कार्यकर्ता पप्पी कुमारी ने बताया, मैं कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान गृह भ्रमण कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर लोगों को कोविड से बचाव के लिए जागरूक और इस घातक महामारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन के लिए प्रेतित कर रही थी। जिसके दौरान मुझे अति कुपोषण की समस्या से जूझ रही राजू मांझी की 04 माह की पुत्री सुनीता कुमारी मिली। जिसके बाद मैंने शिशु के माता-पिता से उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इसके बाद केयर इंडिया के सुधांशु कुमार के साथ पुनः दूसरे दिन शिशु के स्वास्थ्य अवलोकन किया। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। इस दौरान मैं केयर इंडिया कर्मि के साथ पाँच-छः बार गृह भ्रमण कर पीड़ित शिशु के स्वास्थ्य का अवलोकन करती रही। किन्तु, शिशु के स्वास्थ्य में बहुत सुधार तो नहीं हुआ। किन्तु, पहले से कुछ सुधार जरूर हुआ। इसके बाद मैंने स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों के सहयोग से शिशु को समुचित इलाज के लिए लखीसराय सदर अस्पताल परिसर में संचालित एसएनसीयू में भर्ती कराया। जहाँ मेरी मौजूदगी में शिशु का समुचित इलाज हुआ और आज शिशु पूरी तरह शारीरिक रूप से स्वस्थ्य है। 
 
- आशा दीदी के सहयोग से स्वस्थ्य हुई मेरी बच्ची : 
पीड़ित बच्ची के पिता राजू मांझी एवं माता सरस्वती कुमारी ने बताया, हमदोनों मजदूरी कर अपने परिवार की परवरिश करते हैं। ऐसे में कोविड संक्रमण के मुश्किल भरे दौर में काम-धंधा बंद होने के कारण अपनी बच्ची का इलाज कराना संभव नहीं था। इसी दौरान कोविड वैक्सीन लेने के लिए कहने आई आशा दीदी पप्पी कुमारी की नजर मेरी बच्ची पर पड़ी तो उन्होंने बताया सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। आशा दीदी की यह आवाज मेरे लिए उम्मीद की किरण साबित हुई। जिसके बाद आशा दीदी के सहयोग से मैंने अपने बच्चे का इलाज शुरू करवाया और आज मेरी बच्ची पूरी तरह शारीरिक रूप से स्वस्थ्य है। इस दौरान आशा दीदी का काफी सहयोग मिला और वह हमेशा घर से लेकर अस्पताल तक साथ में खड़ी रही है। आशा दीदी के इस सहयोग के लिए  मेरा पूरा परिवार शुक्रगुजार है। इधर, लखीसराय पीएचसी के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक निशांत राज ने बताया, मैं आशा कार्यकर्ता की इस पहल की सराहना करता हूँ। वह हमेशा अपने कार्य के प्रति संकल्पित रहती हैं।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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