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लखीसराय जिले के आयुष चिकित्सकों और सीएचओ को दिया गया टीबी प्रशिक्षण
- सदर अस्पताल में आयोजित प्रशिक्षण में जिले के सभी आयुष चिकित्सक और सीएचओ हुए शामिल
- मरीजों की पहचान करने और टीबी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने की दी गई विस्तृत जानकारी
लखीसराय, 28 मार्च।
टीबी मुक्त भारत निर्माण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। हर जरूरी पहल भी की जा रही है। इसी कड़ी में सोमवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित सभाकक्ष में एक दिवसीय उन्मुखीकरण का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के सभी आयुष चिकित्सक और सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी(सीएचओ) शामिल हुए। प्रशिक्षण में मौजूद सभी आयुष चिकित्सक और सीएचओ को मरीजों की पहचान करने, जाँच और इलाज को प्रेरित करने, सामुदायिक स्तर पर टीबी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने समेत अन्य कई जानकारियाँ विस्तारपूर्वक दी गई। इस मौके पर सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी, डीआईओ सह एसीएमओ डॉ अशोक कुमार भारती, सीडीओ डाॅ पीसी वर्मा, केयर इंडिया के डीटीएल नवेद उर रहमान, आयुष चिकित्सक के टीम लीड डाॅ शिव शंकर आदि मौजूद थे।
- एक-एक मरीज की पहचान कर जाँच और इलाज कराने के लिए प्रेरित करने पर दिया गया बल :
सीडीओ डाॅ पीसी वर्मा ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान मौजूद आयुष चिकित्सक और सीएचओ को टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र के मरीजों को जाँच एवं इलाज कराने के लिए प्रेरित करने पर भी बल दिया गया। ताकि मरीजों को समय पर बीमारी का पता लग सके और शुरुआती दौर में ही इलाज भी शुरू हो सके। इससे ना केवल आसानी के साथ मरीज स्वस्थ्य होंगे, बल्कि अन्य लोग भी संक्रमण के दायरे में नहीं आएंगे। वहीं, उन्होंने बताया, जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी की जाँच के लिए सरकार द्वारा मुफ्त जाँच की सुविधा बहाल की गई है। जहाँ कोई भी व्यक्ति निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। जाँच के साथ निःशुल्क दवाई भी दी जाती है, जो जाँच सेंटर पर ही उपलब्ध है। इतना ही नहीं, इसके अलावा मरीजों को उचित खान-पान के लिए आर्थिक सहायता राशि भी दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन को सफल बनाने के लिए टीबी रोगी खोज अभियान के तहत भी मरीजों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ताकि शत-प्रतिशत मरीजों को सरकार की सुविधा का लाभ मिल सके।
- टीबी लाइलाज नहीं, पर समय पर जाँच के साथ इलाज शुरू कराना जरूरी :
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, टीबी लाइलाज नहीं है। किन्तु, समय पर जाँच और जाँच के पश्चात चिकित्सकों के सलाहानुसार इलाज शुरू कराना जरूरी है। क्योंकि, शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू कराने से इस बीमारी को आसानी के साथ मात दी जा सकती है । इसके लिए सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर समुचित जाँच और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसलिए, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि लक्षण महसूस होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जाँच कराएं और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना इलाज भी शुरू कराएं।
- टीबी मुक्त भारत निर्माण के सामुदायिक स्तर पर हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी :
केयर इंडिया के डीटीएल नवेद उर रहमान ने बताया, सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से टीबी मुक्त भारत निर्माण का लक्ष्य है। इसे सार्थक रूप देने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। इसलिए, इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ना केवल खुद जागरूक होने की जरुरत है बल्कि, पूरे समुदाय को भी जागरूक करने की जरूरत है। इसलिए, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि ना सिर्फ खुद बल्कि आपको अन्य कोई भी टीबी लक्षण वाले लोग दिखे तो उन्हें तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य जाँच और इलाज कराने के प्रेरित करें। साथ ही आवश्यकता अपने स्तर से जाँच व इलाज कराने में सहयोग भी करें। आपकी यही पहल टीबी मुक्त भारत निर्माण और राष्ट्रहित में सबसे बेहतर और सराहनीय कदम होगा। वहीं, उन्होंने बताया, जिले में मिले के टीबी मरीजों का फॉलोअप समेत टीबी उन्मूलन को केयर इंडिया द्वारा हरसंभव सहयोग किया जाएगा।
- ये हैं टीबी बीमारी के प्रारंभिक लक्षण :-
- 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना
- बलगम में खून आना
- एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना
- लगातार शरीर वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar