लखीसराय जिले में हृदय रोग से पीड़ित 14 बच्चों का होगा निःशुल्क इलाज 

 
 
- आरबीएसके टीम द्वारा जिले में हृदय रोग से पीड़ित 24 बच्चे का किया गया था चयन, 10 का पूर्व में ही हो चुका है समुचित इलाज 
- पीड़ित बच्चे को सुविधाजनक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को आरबीएसके टीम ने जारी किया मोबाइल नंबर 
 
लखीसराय, 07 अप्रैल-
 
लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने को लेकर जहाँ सरकार पूरी तरह गंभीर है वहीं, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो रहे  और बच्चों को नई स्वस्थ जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है। ऐसे पीड़ित बच्चों का जिले के आरबीएसके टीम द्वारा स्क्रीनिंग कर चिह्नित किया जा रहा और आवश्यकता के अनुसार समुचित इलाज के लिए पटना या अहमदाबाद भेजा जा रहा है। जहाँ बच्चों का सरकारी स्तर से निःशुल्क समुचित इलाज हो रहा है। 
 
- 10 बच्चे का हो चुका है निःशुल्क समुचित इलाज, 14 को शीघ्र मिलेगा समुचित स्वास्थ्य सेवा का लाभ : 
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, समय पर इलाज शुरू होने से जिले के कई बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। जिले के आरबीएसके टीम द्वारा कुल हृदय रोग से पीड़ित 24 बच्चे का चयन किया गया था। जिसमें 10 बच्चे का पूर्व में ही समुचित इलाज हो चुका और आज सभी बच्चे पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। जबकि, शेष बचे 14 बच्चों का भी शीघ्र समुचित इलाज होगा। इसके लिए चल रही प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 
 
- हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के अभिभावक नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में आरबीएसके टीम से संपर्क कर ले सकते हैं लाभ : 
जिला समन्वयक डाॅ शिवशंकर कुमार ने बताया, हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में आरबीएसके टीम से संपर्क कर निःशुल्क समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिला सकते हैं। वहीं, उन्होंने बताया, ऐसे पीड़ित बच्चों के अभिभावक मेरे मोबाइल नंबर 9835620562 पर काॅल या व्हाट्स एप के माध्यम से भी जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं। जानकारी उपलब्ध कराने के पश्चात आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, उन्होंने बताया, नंबर जारी करने का मुख्य उद्देश्य है, पीड़ित बच्चे को सुनिश्चित रूप से सुविधाजनक तरीके से समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना।  उन्होंने बताया, इस समस्या से पीड़ित बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। अन्यथा, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिन बच्चों के होठ कटे हैं, उसका 03 सप्ताह से 03 माह के अंदर, जिसके तालु में छेद (सुराग) है, उसका 06 से 18 माह एवं जिसके पैर टेढ़े-मेढ़े है, उसका 02 सप्ताह से 02 माह के अंदर शत-प्रतिशत सफल इलाज संभव है। इसलिए, जो उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं, उसके अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर मुफ्त इलाज शुरू करा सकते हैं। वहीं, उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है।
 
- स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन : 
बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे का बाल हृदय योजना के तहत सरकार द्वारा पूरी निःशुल्क इलाज कराया जाता है। यही नहीं, इलाज के साथ-साथ इलाज के लिए आने-जाने का पीड़ित बच्चा सहित उनके आभार का खर्च सरकार ही वहन करती है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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