मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को किया गया जागरूक, दी गई आवश्यक जानकारी

  
 
- जिले के विभिन्न प्रखंडों में मलेरिया उन्मूलन को लेकर किया गया जागरूक  
- मलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देकर लोगों किया जा रहा है जागरूक 
 
शेखपुरा, 27 अप्रैल, 2022 
मलेरिया मुक्त जिला निर्माण को लेकर विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर 25 अप्रैल से ही जिले भर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान पर जिले के विभिन्न विद्यालयों में प्रभात फेरी निकाली गई। जिसके माध्यम से लोगों को मलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूक किया गया। इस दौरान जन-जन का यही नारा है, मलेरिया मुक्त जिला हो हमारा, दूर होगी मलेरिया की बीमारी, जब हम सब की होगी भागीदारी, मलेरिया से अपने परिवार को बचाओ, मच्छरदानी अपनाओ आदि स्लोगन और नारे के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही उक्त कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव सहित इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी जा रही है और सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। 
 
- जिले के सभी प्रखंडों में मलेरिया मुक्त समाज निर्माण के लिए लोगों को किया जा रहा है जागरूक : 
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया, मलेरिया मुक्त जिला निर्माण को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसके दौरान लोगों को मलेरिया के कारण, लक्षण समेत इससे बचाव और उपचार की जानकारी दी जा रही है। वहीं, उन्होंने बताया, मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी आयु वर्ग के के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है। 
 
- मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का करें प्रयोग : 
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने बताया, मलेरिया से बचाव के लिए पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी का लगाएं। इस बात का दिन में भी सोने के दौरान ख्याल रखें। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें एवं किसी भी कीमत पर जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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