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आलोचना और चुनौतियों को दरकिनार कर समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाई स्वास्थ्य सुविधाएं
- सराहनीय कार्य की बदौलत आशा कार्यकर्ता प्रियंका कुमारी ने इलाके में बनाई अपनी अलग पहचान
- बेहतर कार्य के लिए राज्यस्तरीय समेत प्रखंड से लेकर जिलास्तर पर आठ बार हो चुकी सम्मानित
लखीसराय, 29 अप्रैल।
सामुदायिक स्तर पर बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुँच सके, इसको लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। ताकि एक भी जरूरतमंद स्वास्थ्य सेवा से वंचित नहीं रहे और समाज के आखिरी व्यक्ति को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ मिल सके। जिसे सार्थक रूप देने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता भी पीछे नहीं है। बल्कि, समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा को पहुँचाने एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों से लोगों को जोड़ने के लिए अपने कर्तव्य पथ पर तमाम आलोचना, चुनौतियों और परेशानियाँ का सामना करने के बाद भी अग्रसर है। ऐसे ही आशा कार्यकर्ताओं में जिले के हलसी सीएचसी में कार्यरत हलसी प्रखंड के गेरूआ गाँव स्थित ऑगनबाड़ी केंद्र संख्या 32 क्षेत्र की आशा प्रियंका कुमारी का पूरे इलाके में नाम शुमार है। प्रियंका, ना सिर्फ लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुँचाने में सफल रही बल्कि, लोगों को सरकारी स्वास्थ्य से जोड़ने में भी सफल रही।
- बेहतर कार्य के लिए प्रखंड से लेकर जिलास्तर पर आठ बार हो चुकी सम्मानित :
आशा कार्यकर्ता प्रियंका कुमारी परिवार नियोजन, टीकाकरण, कोविड, प्रसव, गृह भ्रमण समेत स्वास्थ्य से संबंधित अन्य क्षेत्रों में बेहतर कार्य के लिए प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर आठ बार सम्मानित हो चुकी है। प्रियंका, को वर्ष 2007 में आशा की नौकरी मिली। इसके बाद अपने क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया। किन्तु, तब लोगों को समझाना और समाज में चल रही भ्रांतियाँ को दूर कर स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य करना आसान नहीं था। इस दौरान प्रियंका को अपने क्षेत्र के लोगों की काफी आलोचना, विरोध समेत तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा, पर इन परेशानियाँ से कभी ये घबराई नहीं। बल्कि, सकारात्मक उम्मीद के साथ अपनी कार्य पर डटी रही । जिसका नतीजा यह हुआ कि जैसे-जैसे समय बीतते गया, वैसे-वैसे लोगों में सकारात्मक बदलाव होने लगा और प्रियंका की राह धीरे-धीरे आसान भी होने लगी। यही नहीं, जिसने शुरुआती दौर में जितना विरोध किया, वो उतना ही बदलने के साथ समर्थक भी बनने लगे। जिसका परिणाम यह हुआ कि बेहतर कार्य के लिए प्रियंका को आठ बार पुरस्कृत किया गया। पहला पुरस्कार वर्ष 12-13 में प्रखंड स्तर पर द्वियीय पुरस्कार मिला। दूसरा वर्ष 13-14 में जिला स्तर पर सीएस के हाथों मिला। तीसरा वर्ष 18-19 में प्रखंड स्तर पर पहला पुरस्कार मिला। चौथा वर्ष 19-20 में प्रखंड स्तर पर तृतीय पुरस्कार मिला। पाँचवा वर्ष 20-21 में प्रखंड स्तर पर पहला पुरस्कार मिला। छठा वर्ष 21-22 में जिला स्तर पर डीएम एवं सीएस के हाथों पुरस्कार मिला। सातवां 08 मार्च 2022 को विश्व महिला दिवस के अवसर पर पटना में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के हाथों पुरस्कार मिला और आठवाँ 21 मार्च, 2022 को प्रखंड स्तर पर मिला।
- कोविड के मुश्किल भरे दौर में भी लोगों तक पहुँचाती रही स्वास्थ्य सेवा :
कोविड के मुश्किल भरे दौर में जब लोग घरों से बाहर निकलना खुद को महफूज नहीं समझ रहे थे। अपनों से भी दूरी बनाने लगे थे। तब ऐसे मुश्किल भरे दौर में भी आशा कार्यकर्ता प्रियंका कुमारी अपने कर्तव्य पथ से पीछे नहीं हटी, बल्कि अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर रही और लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाती रही। परिवार नियोजन के प्रति भी सामुदायिक स्तर पर लोगों को पुरानी ख्यालातों और भ्रांतियों से दूर कर बेहतर कार्य करने में सफल रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य से संबंधित अन्य कार्यों में भी बेहतर कार्य करने में सफल रही।
- चुनौतियों और परेशानियाँ की कभी नहीं की परवाह, अपने कर्तव्य पथ पर सकारात्मक उम्मीद के साथ चलती रही :
आशा प्रियंका कुमारी ने बताया, समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुँचाना और लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों से जोड़ने के साथ-साथ खुद व परिवार का भी ख्याल रखना, निश्चित रूप से चुनौतियों और परेशानियाँ से भरा हुआ था। किन्तु, कभी इसकी परवाह नहीं की। बल्कि, तमाम चुनौतियों और परेशानियाँ को नजरअंदाज कर अपने कर्तव्य पथ पर डटी रही। वहीं, उन्होंने बताया, चुनौती यह कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रति लोगों को नजरिये को बदलना और परेशानी यह कि खुद व परिवार का भी ख्याल रखते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुँचाना। मेरी मेहनत का सकारात्मक परिणाम यह है कि अब लोग खुद सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही तमाम स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लेने मेरे पास आने लगे हैं। वहीं, उन्होंने बताया, पुरस्कार मिलने से कार्य करने का जज्बा और ऊर्जा दुगुनी होती और अन्य कर्मियों में भी अपने कार्य के प्रति जिज्ञासा बढ़ती है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar