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मच्छरों से बचाव ही मलेरिया बीमारी से करेगा दूर
- मच्छरों के प्रकोप से बचाव के लिए जरूरी है साफ - सफाई
- सोते समय हमेशा करें मच्छरदानी का प्रयोग
मुंगेर-
जिला में बदलते मौसम और उमस के कारण इन दिनों हर इलाके में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। रात हो या दिन लोग मच्छरों के काटने से परेशान होने के साथ ही चिंतित रहने लगे हैं। लोगों को अब उनके आतंक के साथ मच्छर जनित रोग की भी चिंता सताने लगी है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए जागरूक कर रहा है। मच्छरों से होने वाली बीमारियों में मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलाइटिस, जीका वायरस, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस ए आदि प्रमुख बीमारियां हैं। इसके अलावा बहुत सारी बीमारियां हैं जो मच्छरों के काटने से होती हैं। हालांकि, ये सभी बीमारियां अलग- अलग मच्छरों के काटने से होते हैं। जिला सहित राज्य भर में मच्छरों के काटने से मलेरिया और फाइलेरिया के मामले अधिक आते हैं। जिनकी जानकारी लोगों को होनी बहुत ही जरूरी है।
घरेलू उपाय कर मलेरिया से बचना चाहिए :
जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी संजय विश्वकर्मा ने बताया कि मलेरिया से बचने के लिए हमें अपने आसपास गंदगी को दूर करते हुए कुछ घरेलू उपाय कर मलेरिया जैसी बीमारी से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता और कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार निश्चित अंतराल पर आते-जाते रहता है। उन्होंने बताया कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमागी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है जिसमें खून की कमी हो जाती है।
जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें :
संजय विश्वकर्मा ने मलेरिया से बचने की सलाह देते हुए कहा कि पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें तथा सोते समय हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें। इसके साथ ही घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल या जले हुए मोबिल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें।
उन्होंने बताया कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें।
सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क जांच व इलाज की सुविधा :
उन्होंने बताया कि मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को अपने गांव की आशा दीदी या नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की सुविधा है। वहीं, आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर मलेरिया के संभावित मरीजों की आरडीटी किट से जांच कर रही हैं। प्रति जांच उन्हें 15 रुपये की राशि देने की भी व्यवस्था है। साथ ही मरीज मिलने पर उसका इलाज कराने पर 75 रुपये प्रति मरीज अलग से दिए जाने की व्यवस्था है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar