फाइलेरिया उन्मूलन • अलौली पीएचसी में शिविर आयोजित कर संक्रमित मरीजों में एमएमडीपी किट वितरित 

 
 
- जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में बारी-बारी से शिविर आयोजित कर मरीजों में किट का वितरण  
 
खगड़िया, 17 मई। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर और सजग है। इसको लेकर सरकार और प्रशासनिक स्तर पर हर जरूरी निर्णय भी लिए जा रहे हैं। जिसे सार्थक रूप देने के लिए जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में निर्धारित तिथि के अनुसार लगातार बारी-बारी से शिविर आयोजित कर फाइलेरिया संक्रमित मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है। ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके और वह सुविधाजनक तरीके से अपना उपचार करा सके। इसी कड़ी में मंगलवार को जिले के अलौली पीएचसी में संक्रमित मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरण के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ मनीष कुमार और डॉ रेखा कुमारी ने मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरण कर किया। इसके बाद शिविर में मौजूद सभी मरीजों को बारी-बारी से एमएमडीपी किट उपलब्ध करायी गयी। इस दौरान किट के सही इस्तेमाल समेत फाइलेरिया से बचाव समेत इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही लक्षण दिखते ही तुरंत जाँच कराने और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श का पालन करने समेत अन्य आवश्यक जानकारी दी गई। ताकि संबंधित मरीज शुरुआती दौर में ही जाँच करा सके और ससमय इलाज शुरू हो सके। इस मौके पर भीबीडीएस अरुण  कुमार, केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक रमण कुमार, प्रखंड समन्वयक श्रवण कुमार, स्वास्थ्य प्रशिक्षक राम हलीश चौधरी आदि मौजूद थे।
 
- किट वितरण के साथ मरीजों को आवश्यक चिकित्सा परामर्श  : 
अलौली पीएचसी प्रभारी डाॅ मनीष कुमार ने बताया, आयोजित शिविर में मौजूद सभी मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरण के साथ-साथ फाइलेरिया से बचाव से संबंधित आवश्यक और जरूरी जानकारी भी दी गई। जिसमें संक्रमित मरीजों को किन-किन बातों का ख्याल रखते हुए इलाज कराना है। फाइलेरिया से बचाव के लिए क्या-क्या सावधानी बरतनी है। इसके कारण और लक्षण समेत अन्य जरूरी जानकारी दी गई। इसके अलावा किट के उचित इस्तेमाल की भी जानकारी दी गई। वहीं, उन्होंने बताया, फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआत में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा, फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं का स्तन शामिल है। हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया संक्रमित अन्य अंगों को ऑपरेशन द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को सामान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती है, जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है। 
 
- फाइलेरिया क्या है ? 
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र का व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाथीपाँव) व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है। 
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं। 
 
- फाइलेरिया से बचाव के उपाय : 
- सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
- घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
- अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें। 
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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