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बिहार के लखीसराय जिले में डायरिया से बचाव को लेकर चलेगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा
- पखवाड़े के दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर करेंगी ओआरएस पैकेट का वितरण
- राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी ने पत्र जारी कर प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को दिए निर्देश
लखीसराय, 19 मई।
जून/जुलाई से मानसून सत्र का आगमन हो जाएगा। इस दौरान जिले भर में सघन दस्त पखवाड़ा का आयोजन होगा। जिसके माध्यम से संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर पाँच आयु वर्ग तक के सभी बच्चों के बीच ओआरएस पैकेट का वितरण करेंगी। जबकि, दस्त ग्रसित बच्चों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों को पर्याप्त मात्रा में जिंक टैबलेट और ओआरएस घोल उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि आवश्यकतानुसार पीड़ित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके और पीड़ित बच्चे सुविधाजनक तरीके से अपना उपरचार करा सकें। इसे सुनिश्चित करने को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी कमल नयन ने पत्र जारी कर प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
- सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिए गए हैं निर्देश :
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया मानसून सत्र के दौरान सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन कराने का निर्देश प्राप्त हुआ है। जिसे हर हाल में सफल बनाने को लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अपने-अपने स्तर से एक्शन प्लान तैयार कर उक्त पखवाड़ा के सफल संचालन के लिए सारी तैयारियाँ पूरी करने को कहा गया है। ताकि हर हाल में में निर्धारित समय पर पखवाड़े का शुभारंभ और सफलतापूर्वक समापन सुनिश्चित हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। जिसके कारण जहाँ सर्दी-खाँसी, जुकाम समेत अन्य मौसमी बीमारी आम हो गई है। वहीं, इसके साथ डायरिया की भी संभावना बढ़ गई है। ऐसे में हमें विशेष सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। डायरिया से बचाव को लिए लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। दरअसल, बदलते मौसम में डायरिया के प्रकोप में आने का प्रबल संभावना हो जाती है। जिसके दायरे में कोई भी यानी सभी आयु वर्ग के लोग आ सकता है। डायरिया के कारण अत्यधिक निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने से समस्याएँ बढ़ जाती है और उचित प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी हो जाता है। इसके लिए डायरिया के लक्षणों के प्रति सतर्कता एवं सही समय पर उचित प्रबंधन कर बच्चों को डायरिया जैसे गंभीर रोग से आसानी से सुरक्षित किया जा सकता है।
- जानें क्या है डायरिया और लक्षण :
टट्टी (पैखाना) की अवस्था बदलाव या सामान्य से ज्यादा बार, ज्यादा पतला या पानी जैसी होने वाली टट्टी ही डायरिया (दस्त) का पहला लक्षण है। इसके अलावा बच्चा बेचैन व चिड़चिड़ा है, अथवा सुस्त या बेहोश है। बच्चे की ऑखें डाउन हो रही हैं। बच्चे को बहुत ज्यादा प्यास लगना अथवा पानी ना पाना। चिकोटी काटने पर पेट के बगल की त्वचा खींचने पर धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आना अर्थात त्वचा के ललीचेपन में कमी आना आदि डायरिया का ही कारण और लक्षण है।
- डायरिया होने पर 14 दिनों तक जिंक का करें सेवन :
डायरिया होने पर लगातार 14 दिनों तक जिंक का सेवन करें। 02 माह से 06 माह तक के बच्चों को जिंक की 1/2 गोली 10 मिग्रा पानी में घोलकर या माँ के दूध के साथ घोलकर चम्मच से पिलाएं। 06 माह से 05 साल के बच्चों को एक गोली साफ पानी के साथ माँ के दूध में घोलकर पिलाएं। जबकि, दो माह से कम आयु के बच्चों को 05 चम्मच ओआरएस प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं। 02 माह से 02 वर्ष तक बच्चे को 1/4 ग्लास से 1/2 ग्लास प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं। 02 से 05 वर्ष तक के बच्चों को 1/2 से ग्लास प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं।
- जिंक सेवन के ये हैं विशेष लाभ :
जिंक सेवन से दस्त और तीव्रता दोनों कम होता है। तीन महीने तक दस्त का खतरा नहीं के बराबर रहता है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जबकि, ओआरएस से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है एवं दस्त के खतरे से बचाव करता है।
- बदलते मौसम में सिर्फ मौसमी बीमारियाँ का ही नहीं, बल्कि डायरिया की भी रहती है आशंका :
बदलते मौसम में ना सिर्फ मौसमी बीमारी का आशंका रहती है। बल्कि, डायरिया समेत अन्य बीमारियों की भी संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की जरूरत है और खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। पौष्टिक आहार का सेवन पर बल देना चाहिए। क्योंकि, पोषण युक्त खाना संक्रामक और मौसमी बीमारियों से बचाव में काफी हद तक सहयोग करता है।
- साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल :
डायरिया से बचाव को लेकर साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। दरअसल, साफ-सफाई हमें ना सिर्फ किसी एक बीमारी बल्कि अनेकों बीमारी (खासकर संक्रामक) से दूर रखती है। इसके लिए खाने से पहले हाथों की नियमित तौर पर अच्छी तरह सफाई करें। घर के आसपास गंदगी और जलजमाव नहीं होने दें।
- गर्म व ताजा खाना का करें सेवन :
डायरिया से बचाव को लेकर गर्म व ताजा खाना खाएँ और बासी खाना से दूर रहे हैं। साथ ही गर्म पानी का सेवन करें तो यह और बेहतर होगा। फ्रिज में रखें खाना खाने से परहेज करें। इसके अलावा समय पर खाना खाएं और अधिक देर तक भूखा नहीं रहें।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar