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कालाजार मुक्त जिला बनाने के लिए जिले भर में चल रहा है सघन मरीज खोज अभियान
- घर-घर जाकर की जा रही है मरीजों की खोज, दिए जा रहे आवश्यक चिकित्सा परामर्श
- कालाजार से बचाव के लिए कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की भी दी जा रही है जानकारी
लखीसराय-
पूरे प्रदेश के साथ जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। इसे सुनिश्चित करने को लेकर हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। जिसे सार्थक रूप देने एवं कालाजार मुक्त जिला बनाने के लिए जिले में सघन कालाजार मरीज खोज अभियान शुरू किया गया है। जिसके माध्यम से गठित स्वास्थ्य टीम में शामिल आशा, सेविका, भीबीडीएस घर-घर जाकर मरीजों की पहचान कर रहे हैं। इस कार्य में केयर इंडिया के कालाजार ब्लॉक कोऑर्डिनेटर भी सहयोग कर रहे हैं। सघन मरीज खोज अभियान के दौरान लक्षण मिलने वालों लोगों को चिह्नित कर समुचित जाँच हेतु स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य संस्थान जाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। ताकि मरीजों की समय पर जाँच व इलाज सुनिश्चित हो सके और संबंधित मरीज आसानी के साथ कालाजार को मात दे सके। साथ ही इस बीमारी के शुरुआती लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार की भी जानकारी दी जा रही है। ताकि लोग शुरुआती दौर में बीमारी की पहचान कर सकें और समय रहते आवश्यक उपाय कर सकें केन यह अभियान जिले के सभी प्रखंडों में चल रहा है। जिसके दौरान कालाजार और पीकेडीएल (चमड़ा वाला कालाजार) मरीजों की खोज की जा रही है।
- जिले भर में घर-घर जाकर की जा रही है मरीजों की खोज :
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया, जिले के सभी प्रखंडों में घर-घर जाकर कालाजार मरीज खोज अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर उन्हें इलाज कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि संबंधित मरीजों का समय पर इलाज शुरू हो सके और बीमारी को आसानी से मात दी जा सके। इसके अलावा जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में संचालित रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ऐसे लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उन्हें संबंधित चिकित्सकों के पास प्रारंभिक जाँच के लिए भेजा जा रहा है। जहाँ लक्षण पाए जाने पर समुचित जाँच करवाई जाती है। जाँच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर इलाज शुरू किया जाता है।
- सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क इलाज की उपलब्ध है सुविधा :
जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में कालाजार जाँच की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो, लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
- कालाजार के लक्षण :
- लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
- वजन में लगातार कमी होना।
- दुर्बलता।
- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar