सुरक्षित मातृत्व के लिए समय पर एएनसी जांच जरूरी

 
-जांच के दौरान डॉक्टर से मिली सलाह का जरूर पालन करें
-प्रसूताओं को एक साथ दो जान की करनी पड़ती है परवाह
 
बांका-
 
गर्भावस्था में महिलाओं को बहुत सी बातों का ध्यान रखना होता है। तभी जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। इसके लिए सुरक्षित मातृत्व बहुत ही जरूरी है और इसके लिए एएनसी जांच कराना अत्यंत आवश्यक है। एएनसी जांच का मकसद मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना होता है। अधिक से अधिक महिलाओं की एएनसी  जांच हो, इसे लेकर सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन गर्भवती महिलाओं की जांच की व्यवस्था रहती है।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी कहते हैं कि सुरक्षित मातृत्व को लेकर सरकारी अस्पतालों में बेहतर व्यवस्था रहती है। दरअसल, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार जांच होती है। पहली जांच गर्भधारण से लेकर 12वें सप्ताह तक, दूसरी जांच गर्भधारण के 14वें से लेकर 26वें सप्ताह तक, तीसरी जांच गर्भधारण के 28वें से 34वें सप्ताह तक और आखिरी जांच 36वें सप्ताह से लेकर प्रसव होने के पहले तक कराई जाती है। इसे एएनसी जांच कहते हैं। इस जांच के दौरान गर्भवती महिलाओं को जो भी सलाह दी जाती है, उस पर अमल करने की जरूरत होती है। इससे सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिलता है।
आयरन और कैल्सियम की दवा भी जरूरीः डॉ. चौधरी कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को आयरन और कैल्सियम की दवा भी डॉक्टर की सलाह के मुताबिक लेनी चाहिए। आमतौर पर गर्भावस्था के तीन महीने के बाद कैल्सियम की 360 गोली प्रसव से पहले और 360 गोली प्रसव के बाद लिया जाता है। इसी तरह से आयरन की 180 गोली गर्भावस्था के तीन महीने के बाद और प्रसव से पहले ली  जाती है और 180 गोली प्रसव के बाद ली  जाती  है। एएनसी जांच के दौरान आयरन और कैल्सियम की गोली कब लेना है, इसकी सलाह डॉक्टर से अवश्य ले लें। डॉक्टर जैसी सलाह दें, उसका पालन करें।
प्रोटिनयुक्त आहार लेने पर दें जोरः डॉ. चौधरी कहते हैं कि आयरन और कैल्सियम की गोली लेने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को प्रोटिनयुक्त आहार का जरूर सेवन करना चाहिए। दूध, अंडा, मछली, मांस के साथ हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एक साथ दो जान की परवाह करनी पड़ती है। एक तो खुद का, दूसरा गर्भ में पल रहे बच्चे का। पौष्टिक और प्रोटिनयुक्त आहार लेने से दोनों का ध्यान रखा जाता है। जो गर्भवती महिलाएं मांसाहार का सेवन नहीं करती हैं, उन्हें दूध, हरी सब्जियों और फल के सेवन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इन चीजों के सेवन से वह कमी दूर हो जाएगी, जो कि मांसाहार के सेवन करने से होता।
प्रसव को लेकर तैयारीः डॉ. चौधरी कहते हैं कि इतना कुछ करने के बाद प्रसव को लेकर तैयारी भी बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। जब प्रसव का समय नजदीक आए को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे कि सबसे पहले एंबुलेंस या फिर किसी गाड़ी वाले का नंबर को पास में रखें। अगर दर्द शुरू हो तो तुरंत गाड़ी वाले को फोनकर बुलाएं। इसके अलावा दो-तीन ऐसे लोगों को तैयार रखें, जो कि जरूरत पड़ने पर रक्तदान कर सके।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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