लक्ष्य कार्यक्रम:  जमुई सदर अस्पताल को किया जा रहा है सुसज्जित, बेहतर होगी सुविधाएं

 
 
- 70 प्रतिशत हिस्से को किया जा चुका है सुसज्जित, जल्द से जल्द शत-प्रतिशत कार्य पूरा करने को लेकर चल रहा है काम 
- लक्ष्य कार्यक्रम से गुणवत्तापूर्ण प्रसव को मिलेगा बल, मातृ एवं शिशु की अस्वस्थता व मृत्यु दर में आएगी कमी 
 
जमुई-
 
सदर अस्पताल जमुई को लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सुसज्जित किया जा रहा है। ताकि सीएचसी में मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाएँ और मजबूत हो सके एवं मरीजों को बेहतर से बेहतर समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके। अस्पताल के 70 प्रतिशत हिस्से को लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सुसज्जित किया जा चुका है। जबकि, शेष बचे भागों को जल्द से जल्द सुसज्जित करने को लेकर काम चल रहा और अस्पताल प्रबंधन इस दिशा में अग्रसर है। ताकि जल्द से जल्द से शत-प्रतिशत कार्य पूरा हो सके और उक्त कार्यक्रम के मानक पर खड़ा उतर सके। 
 
- निर्धारित लक्ष्य पूरा करने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि : 
सिविल सर्जन डाॅ अजय कुमार भारती ने बताया, लक्ष्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधा की गुणवत्ता की मैपिंग की जाती है। जिसमें कुल आठ तरह के मूल्यांकन पैमाने बनाए गए हैं। इसमें साफ-सफाई का स्तर, स्टाफ की उपलब्धता, लेबर रूम के अंदर जरुरी संसाधनों की उपलब्धता के साथ-साथ ऑपरेशन थिएटर की भी मैपिंग की जाती है। इस कार्यक्रम के बेहतर कार्यान्वयन के लिए जिला स्तरीय टीम में सिविल सर्जन को अध्यक्ष, एसीएमओ को नोडल और एक गायनोक्लाॅजिस्ट, यूनिसेफ तथा केयर के अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है। वहीं, उन्होंने बताया, निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने वाले जिला स्तरीय अस्पताल को प्रोत्साहन राशि के रूप में तीन लाख तथा पीएचसी स्तर पर दो लाख रुपये की राशि और प्रमाण-पत्र देने का प्रावधान है। 
 
- जुलाई तक शत-प्रतिशत कार्य हो जाएगा पूरा, जोरों पर हो रहा है काम : 
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (हेल्थ) सुधांशु लाल ने बताया, जल्द से जल्द पूरे अस्पताल को सुसज्जित करने के लिए काफी तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है। जुलाई तक हर हाल में शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया जाएगा। ताकि मूल्यांकन के दौरान सभी मानकों पर अस्पताल खड़ा उतर सके। इसके लिए पूरा अस्पताल प्रबंधन अग्रसर है। वहीं, उन्होंने बताया, लक्ष्य कार्यक्रम के तहत तीन स्तरों पर रैंकिंग की जाती है। पहले जिला स्तर पर, उसके बाद रिजनल स्तर पर और तृतीय चरण में राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग की जाती है। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 75 अंक प्राप्त करना अनिवार्य होता है।  
 
- लक्ष्य कार्यक्रम से गर्भवती महिला की देखभाल में होगा सुधार : 
इस कार्यक्रम के तहत प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, प्रसव संबंधी गहन देखभाल इकाइयों और उच्च निर्भरता इकाइयों (एचडीयू) में गर्भवती महिलाओं की देखभाल में सुधार होगा।  साथ ही प्रत्येक गर्भवती महिला और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले नवजात शिशु लाभान्वित होंगे। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सम्मानीय मातृत्व देखभाल (आरएमसी) की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस पहल के अंतर्गत बहुमुखी रणनीति अपनाई गई है। जिनमें बुनियादी ढांचागत सुधार, उन्नयन, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाना और प्रसूति गृहों में सुविधाओं में सुधार लाना शामिल है।
 
- इन मानकों पर तय होते हैं पुरस्कार : 
- अस्पताल की आधारभूत संरचना 
- साफ-सफाई एवं स्वच्छता 
- जैविक कचरा निस्तारण
- संक्रमण रोकथाम 
- अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली 
- स्वच्छता एवं साफ़-सफाई को बढ़ावा देना।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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