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सुरक्षा कवच बनेगा आयुष संजीवनी एप
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- May 14, 2020
- 2568 views
• 50 लाख लोगों के अनुभवों के आधार पर आंकड़े जुटाने का लक्ष्य
• अनुभवों के आकलन से आयुष मंत्रालय की सलाह से होने वाले फायदे का चलेगा पता
• आयुष मंत्रालय की सभी एडवाइजरी से भी लैस है संजीवनी एप
भागलपुर, 14 मई-
कोरोना वायरस यानि कोविड-19 से लोगों की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा आयुष मंत्रालय अब आयुष संजीवनी एप लेकर आगे आया है । इस एप में जहाँ आयुष मंत्रालय की सभी एडवायजरी हैं वहीँ इसमें लोगों के सवाल - जवाब का भी प्रावधान किया गया है । इन्हीं सवाल-जवाब के आंकड़ों के आधार पर यह तय होगा कि आयुष मंत्रालय की सलाह लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो रही है । लोग इस एप पर अपने अनुभव साझा कर सकेंगे कि वह आयुष मंत्रालय की सलाह को कब से अपना रहे हैं और कितने दिनों में फायदा हुआ । इसके अलावा किन दिशा-निर्देशों के पालन से ज्यादा लाभ हुआ है।
कोविड से लड़ने के लिए आयुर्वेद पद्धति के प्रभाव का होगा आकलन:
सरकार का प्रयास है कि इस एप का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो ताकि और लोग इसका फायदा उठाकर निरोगी काया पा सकें । भारत में पारंपरिक चिकित्सा का लम्बा इतिहास रहा है और आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते आयुष मंत्रालय आयुष प्रणालियों के नैदानिक अध्ययन के माध्यम से देश में कोरोना वायरस यानि कोविड-19 की समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है । इन्हीं आयुर्वेद से जुड़ीं पद्धतियों पर क्लिनिकल रिसर्च स्टडीज और आयुष संजीवनी एप की शुरुआत की गयी है । यह एप कोविड की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों से आंकड़े जुटाने में उपयोगी साबित होगा । मंत्रालय लोगों के बीच कोविड की रोकथाम के लिए आयुष प्रभाव का भी आकलन कर रहा है ।
एप के जरिये 50 लाख लोगों के आंकड़े जुटाने का लक्ष्य :
आयुष संजीवनी एप के जरिये देश भर के 50 लाख लोगों के अनुभवों के बारे में आंकड़े जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है । यह आंकड़े कोविड-19 की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों के आकलन में उपयोगी साबित होंगे।
जनसंख्या आधारित पारम्परिक अध्ययन पर जोर :
आयुष मंत्रालय उच्च्च जोखिम वाली आबादी में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए जनसँख्या आधारित अध्ययन भी शुरू करने जा रहा है । इससे निवारक क्षमता का पता चल सकेगा । देश में आयुष मंत्रालय के अनुसन्धान परिषदों, राष्ट्रीय संस्थानों व कई राज्यों के माध्यम से यह अध्ययन किया जाएगा । इसके तहत 5 लाख की आबादी को कवर करने की योजना है । यह अध्ययन रिपोर्ट कोविड-19 के उपचार में आयुष पद्धति की क्षमताओं के आकलन के लिए वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर अवसरों के नए द्वार खोलेगी ।
कोरोना से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की सलाह :
• दिन में बार-बार गुनगुना पानी पिएं
• रोजाना 30 मिनट तक योगा करें
• भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन का इस्तेमाल करें
• एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का हर रोज सेवन करें
• दिन में एक-दो बार हर्बल चाय/काढ़ा पियें
• दिन में एक/दो बार हल्दी वाला दूध पियें
• तिल या नारियल का तेल या घी सुबह-शाम नाक के छिद्रों में लगायें
• एक चम्मच नारियल या तिल का तेल को मुंह में लेकर इधर-उधर घुमाएँ और गुनगुने पानी के साथ कुल्ला करें (थूक दें)
• गले में खरास या सूखा कफ हो तो पुदीने की पत्तियां व अजवाइन को गर्म कर भाप लें
• गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाएं
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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