- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
ऑनलाइन शिक्षा में अपार संभावनाएं- प्रो. केके अग्रवाल, चेयरमैन,नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन
- by
- May 23, 2020
- 4404 views
नईदिल्ली-
सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च और हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस ने संयुक्त रूप से वेबिनार का आयोजन किया। इस खास वेबिनार में विषय था ऑनलाइन एजुकेशन और एसेसमेंट। इस वेबिनार में 21 राज्यों के 484 शिक्षाविद् और छात्रों ने भाग लिया। इस वेबिनार को संबोधित करते हुए नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन के चेयरमैन प्रो. केके अग्रवाल ने कहा कि आज शिक्षा में बड़ा चैलेंज आ गया है। देश में हर शैक्षणिक बोर्ड, कॉलेज, विश्वविद्यालय के पाठयक्रम अलग अलग हैं जिसका अपना एक अलग अर्थशास्त्र है। पाठयक्रम की असमानता एक बहुत बडी चुनौती है, जो ऑनलाइन शिक्षा के समुचित क्रियान्वयन में आडे आ सकती है। प्रो. केके अग्रवाल ने कहा कि भारत में ऑनलाइन शिक्षा के सामने बहुत सारे चुनौतियां मुंह बाएं खड़ी है। खास तौर पर क्लासेंस मे जब छात्र चिंटिंग कर देते हैं तो ऑनलाइन में इसकी संभावनाएं काफी बढ़ जाती है इसे रोकना काफी मुश्किल है।
वेबिनार को संबोधित करते हुए एआईसीटीई के मेंबर सेक्रेटरी प्रो राजीव कुमार ने कहा कि तकनीकी समझ ऑनलाइन शिक्षा की एक बडी समस्या है। अगर तकनीकी शिक्षा से जुड़े अध्यापकों और विद्यार्थियों को छोड़ दें तो बाकी लगभग सभी विषयों से जुड़े शिक्षकों और शिक्षार्थियों को तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ता है। प्राइमरी और माध्यमिक स्तर पर यह समस्या बहुत बड़ी समस्या है। राजीव कुमार ने कहा कि आजकल छोटे छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक टेबलेट, लैपटॉप, स्मार्टफोन के सहारे पढाया जा रहा है। ऐसे में अगर तकनीकी समझ किसी भी स्तर पर हावी होती है तो सिखने की क्षमता की सीधे प्रभावित करती है।
एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी के वीसी प्रो. संदीप संचेती ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण को सामान्यतः कक्षाओं की तरह नहीं चलाया जा सकता है। ऑनलाइन शिक्षा की कई दुष्प्रभाव भी हैं, लेकिन इसमें कई अपार संभावनाएं हैं।
हिंदुस्तान यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो के पी आईसेक ने कहा कि सरकार और शिक्षा जगत के लोग ऑनलाइन शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन भारत जैसे बड़े देश में ऑनलाइन शिक्षा में आने वाली बाधाओं से पार पाना है। जिसके लिए अभी कार्य करना होगा कमियों को दूर करने की जरूरत भी है।
सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च के प्रेसिंडेंट व स्प्रिंगर नेचर के एमडी संजीव गोस्वामी ने वेबिनार में शामिल सभी शिक्षाविदों और छात्रों को निष्कर्ष रूप से कहा कि आज ऑनलाइन शिक्षा में कई तरह की समस्याएं हैं लेकिन इसे दूर करने के लिए हमें सामंजस्य बनाने होंगे। लेकिन यह भी तय है कि क्लासरूम की क्षतिपूर्ति ऑनलाइन से कर पाना भारत के संदर्भ में काफी मुश्किलें हैं। सेंटर फोर एजुकेशन एंड ग्रोथ रिसर्च के डायरेक्टर रविश रोशन ने इस वेबिनार में शामिल शिक्षाविदों को धन्यवाद देते हुए कहा कि सीईजीआर शिक्षा में मूलभूत कमियों और आने वाले चैंलेंज से पार पाने के लिए सजेशन पर कार्य करता है और सरकार को भी अपने सुझाव समय समय पर देता रहा है। आज जिस प्रकार से शिक्षाविदों ने खुलकर ऑनलाइन शिक्षा पर बात यह अभूतपूर्व वेबनार रहा है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Film Fair (Admin)