मासिक धर्म के अपशिष्ट का प्रबंधन है जरुरी

• पटना नगर निगम, एचसीसीबी और यूएनडीपी ने किया मासिक धर्म अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पहल 

• कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोकने में मिलेगी मदद 

 

पटना/ 29 मई-

कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं. सरकारी तंत्र के साथ गैर सरकारी सामाजिक संस्थान भी इस कार्य में अपना योगदान दे रहे है. महिलाओं के लिए हर महीने होने वाला मासिक धर्म एक प्राकृतिक चक्र है और भारत में लगभग 353 मिलियन महिलाएं और किशोरियां अपने मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी उत्पादों का प्रयोग करतीं हैं. एक सर्वेक्षण के अनुसार एक अकेली महिला अपने मासिक धर्म के काल में 125 किलोग्राम तक अपशिष्ट उत्पन्न कर सकती है जो बायोडीग्रेडएबल नहीं होता है. एक सेनेटरी पैड को स्वतः सड़ने में 500 से 800 साल लग सकते हैं. इससे स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरा होना स्वाभाविक है और कोरोना के समय में इसका समुचित प्रबंधन करना जरुरी है ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके. 

पटना म्यूनिसिपल कमिश्नर हिमांशु शर्मा, उपनगर आयुक्त शीला ईरानी और अरविन्द कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी- प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, यूएनडीपी ने पटना नगर निगम और एचसीसीबी के साथ मिलकर “ रेड वेस्ट अभियान” लांच किया है. इसका उद्देश्य स्वच्छता अपशिष्ट प्रबंधन पर समुदाय को संवेदनशील बनाना है. रेडवेस्ट अभियान के तहत पीएमसी, एचसीसीबी- यूएनडीपी अगले आठ महीनों के लिए समुदाय में व्यापक व्यवहार परिवर्तन लाने के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों को विनियमित करेगी.

 

 

रेडवेस्ट के प्रबंधन के लिए उठाये जा रहे हैं कदम:

महामारी के कारण माहवारी नहीं रूकती है और इससे जनित अपशिष्ट का प्रबंधन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से अनिवार्य है. एसडबयू रूल्स 2016 के मुताबिक गंदे नैपकिन, डायपर, कंडोम, टैम्पोन और खून से सने कचरे को घरेलु कचरा माना जाता है और इसे बायोडीग्रेडएबल और गैर बायोडीग्रेडएबल घटकों में अलग कर इसका निपटारा किया जाता है. स्वास्थ्य, शिक्षा, एसआरएचआर,डबयूएएसएच और लिंग सहित सभी क्षेत्रों में आपातकालीन प्रतिक्रिया हस्तक्षेप और नीतियों में मासिकधर्म स्वास्थ्य और स्वास्थ्य को शामिल करना महत्वपूर्ण है. 

 

“ रेड वेस्ट अभियान” के दौरान पीएमसी, एचसीसीबी- यूएनडीपी द्वारा निम्न गतिविधियाँ को करने की योजना है-

 

•  गीला, सूखा और स्वच्छता अपशिष्ट पर समुदाय को संवेदनशील बनाना 

•  घरेलु स्तर पर गीला, सूखा और स्वच्छता अपशिष्ट का अलगाव शुरू करना 

•  अलगाव,पुनर्चक्रण और कचरे के पुनः उपयोग के लिए शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता को मजबूत करना 

•  स्वच्छता कार्यकर्ताओं और अपशिष्ट बीनने वालों का क्षम्तावार्धन 

•  पटना प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में इसका प्रबंधन 

•  स्वच्छता कार्यकर्ताओं और अपशिष्ट बीनने वालों का नियमित स्वास्थ्य जांच 

कचरा बीनने वालों की की गयी स्वास्थ्य जांच:

 

मासिकधर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर पीएमसी, एचसीसीबी- यूएनडीपी ने गर्दनीबाग स्थित प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र में अपशिष्ट बीनने वालों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया, इस शिविर में 31 कचरा बीनने वालों की स्वास्थ्य जांच की गयी और मासिकधर्म स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में उनका उन्मुखीकरण किया गया.

रिपोर्टर

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