पुल टेस्टिंग से टूटेगी कोरोना की चेन

रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अलग-अलग सैंपल लेकर जांच करायी जाएगी

अधिक लोगों की जांच के लिए शुरू की गई है नयी व्यवस्था

बिना लक्षण वाले संदिग्ध लोगों की भी जांच करायी जाएगी

भागलपुर, 1 जून

कोरोना के संक्रमण का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अधिकारी चौकन्ने हो गए हैं। अभी तक तो संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे थे, लेकिन अब एक साथ पांच-पांच मरीजों की जांच होगी। जी हां, जिला प्रशासन ने अब पूल टेस्टिंग कराने का फैसला किया है। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन ने अब इस तरीके को अपनाने का फैसला किया है।

  पूल टेस्टिंग में अगर जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई सभी का सैंपल लेकर अलग-अलग जांच करायी जाएगी। जिले में इस तरह की जांच की नयी व्यवस्था शुरू हो गयी है। रेड जोन को छोड़कर अन्य राज्यों और शहरों से भी प्रवासी मजदूर आ रहे हैं। प्रखंड स्तर पर जांच के बाद रेड जोन वालों को क्वारंटाइन सेंटर और अन्य को होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जा रहा है। काफी लोगों में कोरोना का लक्षण नहीं दिख रहा है, लेकिन कोरोना प्रभावित क्षेत्र से आने के चलते उन्हें संदिग्ध माना जा रहा है। ऐसे लोगों के लिए पूल टेस्टिंग की व्यवस्था की गयी है।  डॉ विजेंद्र कुमार विद्यार्थी

 ने कहा कि कोरोना की चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है। एक साथ जब अधिक से अधिक लोगों की टेस्ट होगी तो संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से पता चल पाएगी। इससे दूसरे लोग संक्रमित होने से बच सकेंगे। ऐसे में कोरोना की चेन तोड़ने में भी मदद मिलेगी।

 

बड़े पैमाने पर की जा रही जांच की व्यवस्था: बाहर से आने वालों के अलावा यहां रहने वालों का भी समूह में सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। बड़े पैमाने पर जांच की व्यवस्था की जा रही है। जहां पर व्यक्ति झुंड में देखे जाते हैं, वहां पर संदिग्ध लोगों की पूल टेस्टिंग होगी। जैसे कि सब्जी मंडी, मॉल या अन्य कोई भीड़भाड़ वाले क्षेत्र। रेड जोन से आने वालों को 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर और सात दिन होम क्वारंटाइन रखा जा रहा है। होम क्वारंटाइन भेजने के दौरान संबंधित व्यक्तियों की सूची स्थानीय स्थास्थ्य विभाग और पंचायत को भेजी जाएगी, ताकि 14 दिनों तक संबंधित व्यक्ति की निगरानी की जा सके। इस दौरान अगर कोई संदिग्ध पाया गया तो उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। 

 

क्या है पूल टेस्टिंग: पुल टेस्टिंग के तहत पांच लोगों का सैंपल एक में लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच में रिपोर्ट निगेटिव आ गई तो ठीक है। पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर सभी का फिर से अलग-अलग सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। उसमें से कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज कराया जाएगा। पुल टेस्टिंग के माध्यम से अधिक लोगों की जांच करायी जा सकती है। 

 

कोरोना से बचाव के लिए बरतें ये सावधानी

​1. बार-बार हाथ धोइए, इसी से होगा बचाव

2. ​आंख, नाक और मुंह में हाथ लगाने से बचें

3. ​लिफ्ट का बटन और दरवाजों का हैंडल नहीं पकड़ें

​4. यात्रा करते वक्त बरतें विशेष तरह की सावधानी

5. ​दूसरों से हाथ मिलाने से बचें

​6. भीड़भाड़ वाली जगह जैसे- मॉल या सिनेमा नहीं जाएं

7. ​सामाजिक दूरी का ख्याल रखें और शादी-पार्टी में जाने से बचें

रिपोर्टर

  • Film Fair (Admin)
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