गर्भवती महिलाएं पहली तिमाही में रखें विशेष ध्यान

• कोरोना के संक्रमण के दौर में सतर्क रहने की जरूरत

• गर्भ में पल रहे भ्रूण की वृद्धि व विकास को देखभाल जरूरी

भागलपुर, 4 जून

कोरोना के संक्रमण को लेकर वैसे तो सभी लोग सतर्कता बरत रहे हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। गर्भावस्था की पहली तिमाही एक महत्वपूर्ण चरण है और इस समय भ्रूण तेजी से विकसित होता है और वह बहुत नाजुक भी होता है। इसलिए गर्भ में पल रहे भ्रूण की वृद्धि व विकास के लिए देखभाल बहुत जरूरी है।

गर्भधारण के साथ ही एक नई जिंदगी शुरू हो जाती है, इसलिए गर्भावस्था में बहुत जरूरी है कि महिलाओं का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाए। मां और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की स्वास्थ्य की देखभाल, उन्हें जरूरी परामर्श देना और साधन उपलब्ध कराना, प्रसव पूर्व देखभाल जरुरी है। स्त्री रोग विशेषज्ञ इंदू सिंह के मुताबिक, आमतौर पर प्रसव बिना किसी समस्या की हो जाती है , लेकिन कई बार अचानक और अप्रत्याशित समस्याएं सामने आ सकती हैं। इसलिए विशेष ख्याल रखना जरूरी है। 

पौष्टिक आहार लें: 

डॉ.रेखा सिंह कहती हैं गर्भावस्था से जुड़ी समस्याओं का पता लगाना और उनका हल निकालना महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था के दौरान पेट में पल रहे शिशु को प्रसव के पहले पोषण और विटामिन की जरूरत होती है। मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में जन्म दोष को रोकने के लिए प्रसव पूर्व के विटामिन्स की रोजाना खुराक लेनी होती है। फोलिक एसिड ऐसा ही एक विटामिन है। 

प्रसव पूर्व देखभाल नहीं होने पर खतरा: 

प्रसव पूर्व जांच नहीं होने से प्रसव के दौरान स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ सकती है. इससे माता के साथ जन्म लेने वाले शिशु को भी खतरा बढ़ सकता है. विशेषकर उच्च जोखिम गर्भवती माताओं को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. जिसमें अत्यधिक रक्तचाप, मधुमेह, एनीमिक एवं अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच कराने की बेहद जरूरत है. साथ ही इस दौरान बेहतर पोषण से भी सुरक्षित प्रसव की संभावना बढ़ जाती है.  

समय पर कराएं जांच: 

साथ ही गर्भस्थ मां को महसूस होने वाली असुविधा पर नजर रखने और उसे दूर करने के लिए जांच जरूरी है। इसमें खुद गर्भवती को शिक्षित किया जाता है कि किस तरह स्वच्छता बनाए रखें, ताकि बच्चे के विकास में बाधा न आए। गर्भावस्था के दौरान शरीर के महत्वपूर्ण संकेतों पर ध्यान देने की जरूरत है। शरीर का तापमान क्या है, ब्लड प्रेशर सामान्य है या नहीं इसकी जांच कराते रहना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में गर्भवती माताओं के लिए निःशुल्क प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा उपलब्ध है. प्रसव के पहले कम से कम 4 प्रसव पूर्व जाँच जरुरी है. कोरोना काल में भी यह सुविधाएँ बहाल की गयी है. साथ ही ग्रीन जोन एवं बफर जोन के अलावा ग्रामीण स्तर पर भी आरोग्य दिवस का आयोजन कर प्रसव पूर्व जांच की सुविधा गर्भवती माताओं को मुहैया करायी जा रही है

रिपोर्टर

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