- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
कोरोना वायरस को लेकर फ़ैल रहे अफवाहों से रहें दूर, सावधानी बरतकर संक्रमण से आसनी से बचें
- by
- Jun 04, 2020
- 2112 views
• संक्रमण होने पर मात्र 2-3% तक ही मृत्यु का खतरा
• लगभग 80% लोगों में संक्रमण के होते हैं हल्के लक्षण
• 60 साल से अधिक उम्र के लोग एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को अधिक एहतियात बरतने की जरूरत
जमुई / 4 जून :
विश्व भर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस गंभीर वायरस को लेकर सटीक एवं सम्पूर्ण जानकारी काफ़ी जरुरी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेंड्रोस एधानोम घेब्रेयेसुस का कहना है: "हम सिर्फ एक महामारी से नहीं लड़ रहे हैं; बल्कि एक अफवाह रूपी महामारी से भी लड़ रहे हैं. " विश्व स्वास्थ्य संगठन `इन्फोडेमिक’ यानि अफवाह रूपी महामारी को परिभाषित करते हुए `जानकारी की अधिकता’ बताता है जहाँ कुछ सही और कुछ नहीं भी है, जिसके कारण जरूरत के वक़्त लोगों को भरोसेमंद स्रोतों और विश्वसनीय मार्गदर्शन मिलने में कठिनाई होती है’’. इस वायरस के बारे में सही तथ्यों की जानकारी का अभाव एवं फैली हुई अफवाहे ही इस दहशत के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है जब कोई वायरस नया होता है तो हम नहीं जानते कि यह लोगों को कैसे प्रभावित कर सकता है.
लगभग 80% लोगों में संक्रमण के होते हैं हल्के लक्षण:
कोरोनावायरस में "उच्च संक्रामकता जरूर है लेकिन मृत्यु की दर कम है". मुख्यतः मृत्यु दर 2-3% के बीच ही है. यह दर 2003 एसएआरएस की मृत्यु दर 10% या 2012 के एमईआरएस की मृत्यु दर 35% से काफी कम गंभीर है. इसके संक्रमण की वजह से मृत्यु का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो उम्रदराज (60 वर्ष की आयु से ऊपर) हैं और पहले से ही विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं. लगभग 80% लोगों में इसके लक्षण हल्के होते है एवं व्यक्ति दो सप्ताह में ठीक हो सकता है. समय पर चिकित्सकीय परामर्श और देखभाल के जरिए अधिकांश लक्षणों का इलाज किया जा सकता है.
ऐसे फैलता है कोरोना वायरस:
कोविड-19 (COVID-19) ऐसासंक्रामक रोग हैजो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से फैल सकता है. हमारे ऊपरी श्वसन क्षेत्र जैसे नाक, गले और फेफड़ा में हवा के माध्यम से प्रवेश कर फैल सकती है. एक संक्रमित व्यक्ति एक स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमण फैला सकता है – जैसे खांसने या छींकने पर आंख, नाक और मुंह से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से, संक्रमित व्यक्ति के करीब संपर्क से, दूषित स्थानो, वस्तुओं या व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओं के छूने से.
ऐसे अफवाहों से बनाएं दूरी:
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व भर में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. साथ ही कुछ अफवाहों को लेकर स्पष्टीकरण भी दिया गया है.
• कोविड-19 वायरस गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में नहीं फैल सकता: अब तक के सबूतों के आधार पर कोविड-19 वायरस गर्म और आर्द्र मौसम वाले क्षेत्रों सहित सभी क्षेत्रों में के आधार पर फैल सकता है.
• सर्द मौसम और बर्फ नए कोरोनोवायरस को मार सकते हैं: यह मानने का कोई कारण नहीं है कि ठंड का मौसम नए कोरोनावायरस और अन्य रोग को मार सकता है. कोई भी तापमान या मौसम हो, सामान्य मानव शरीर का तापमान लगभग 36.5 ° C से 37 ° C तक रहता है.
• गर्म स्नान करने से नए कोरोनावायरस रोग की रोकथाम होती है: गर्म स्नान या शॉवर करने से आप कोविड-19 वायरस से नहीं बच पाएंगे। स्नान या शॉवर के तापमान की परवाह के बिना किसी भी मौसम या तापमान में सामान्य मानव शरीर का तापमान लगभग 36.5° C से 37° C तक रहता है. दरअसल, बेहद गर्म पानी से नहाना हानिकारक हो सकता हैक्योंकि यह आपको जला सकता है. नए कोरोनावायरस से खुद को बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है अल्कोहल युक्त हैंड रब या सेनेटाइजर से अपने हाथों को बार-बार साफ करना, या साबुन और पानी से धोना
• शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन का छिड़काव नए कोरोनावायरस को मार सकता है: शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन का छिड़काव करने से आपके शरीर में घुस चुके वायरस नहीं मरेंगे. ऐसे पदार्थों का छिड़काव कपड़े या संवेदनशील अंगों के लिए हानिकारक हो सकता है यानी आंख और मुंह। ज्ञात हो अल्कोहल और क्लोरीन दोनों सतहों को कीटाणुरहित उपयोगी होते हैं, लेकिन दिशा निर्देशों के अनुसार ही उनका उपयोग करना चाहिए
• क्या ऐसी कोई भी दवाई या उपचार उपलब्ध है जो कोविड-19 को रोक या ठीक कर सकती है: कुछ पश्चिमी, पारंपरिक या घरेलू उपचार कोविड-19 के लक्षणों को कम कर सकते हैं, परंतु इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वर्तमान में कोई दवा इस रोग को रोक सकती है या ठीक कर सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड-19 की रोकथाम या इलाज के रूप में एंटीबायोटिक या किसी भी दवा से स्वउपचार की सलाह नहीं देता है. हालांकि, चल रहे कई क्लीनिकल ट्रायल में पश्चिमी और पारंपरिक दोनों दवाओं को शामिल किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बारे में अद्यतन जानकारी मिलते ही जारी करेगा
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Film Fair (Admin)