- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
ढाई महीने बाद सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरूआत
- by
- Jun 09, 2020
- 3519 views
गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व हुई जांच
ढाई महीने बाद सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरूआत
सदर अस्पताल समेत स्वास्थ्य केंद्रों में की गई थी तैयारी
भागलपुर, 9 जून
जिले के सरकारी अस्पतालों में मंगलवार को ढाई महीने बाद गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई। कोरोना संकट के कारण बीच में कुछ दिनों के लिए यह सेवा स्थगित थी।
सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराना है। साथ ही उन्हें बेहतर परामर्श देना है। सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है। अभियान को दोबारा शुरू करने को लेकर सदर अस्पताल समेत जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में तैयारी की गई थी।
स्त्री रोग विशेषत्रों ने की जांच: स्वास्थ्य केंद्रों पर चल रहे इस कार्यक्रम के तहत अस्पतालों में शिविर लगाकर स्त्री रोग विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की। इस दौरान महिलाओं को होने वाली परेशानी की पहचान कर उन्हें उचित परामर्श दिया गया। महिलाओं की बीपी, सुगर, एचआईवी व यूरिन समेत अन्य तरह की जांच की गई। सभी को दवा के साथ बेहतर जरूरी परामर्श दिए गए। इस दौरान एनीमिक महिला को आयरन फोलिक एसिड की दवा देकर इसका नियमित सेवन करने की सलाह दी गयी। एनीमिक महिलाओं को हरी साग- सब्जी, दूध व सोयाबीन खाने की सलाह दी गयी। साथ ही उन्हें गर्भावस्था के आखिरी दिनों में कम से कम चार बार खाना खाने की भी सलाह दी गयी।
सामाजिक दूरी का किया गया पालन: गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के दौरान सामाजिक दूरी का ख्याल रखा गया। कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए अस्पतालों में विशेष तरह की व्यवस्था की गई। एक से दूसरी महिलाओं की बीच दो मीटर की दूरी का ख्याल रखा गया था। साथ ही डॉक्टर समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी इसका ख्याल रख रहे थे।
ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही यह योजना: सिविल सर्जन ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना प्रभावी रूप से सुदूर गांवों में रहने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी अंकुश लागने में सफलता मिल रही है। अत्यधिक रक्त स्त्राव से महिला की जान जाने का खतरा सबसे अधिक होता है। प्रसव पूर्व जांच में यदि खून सात ग्राम से कम पाया जाता है, तब ऐसी महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह भी दी जाती है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Film Fair (Admin)