- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
अब कोविड-19 जाँच में तेजी लाने के लिए पूल जाँच को दी जाएगी प्राथमिकता
- by
- Aug 08, 2020
- 1772 views
-राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक ने दिए निर्देश
-पूल जाँच से कोरोना संक्रमण जांच गति में आएगी तेजी
लखीसराय-
वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल के बीच मरीजों की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग नित्य नए फैसले ले रही है ताकि कोरोना संक्रमण जांच में तेजी आए तथा कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सके। इसबार पूल जाँच को प्राथमिकता देने का प्लान तैयार की गई है ।ताकि कम समय में अधिक से अधिक लोगों की जाँच हो सकें एवं बढ़ा रहे कोरोना संक्रमण का औसतन रेट पता चल सके। इसको लेकर राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर जिलाधिकारी एवं जिला सिविल सर्जन पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए हैं एवं इसे सुनिश्चित कराने को कहा है।
पूल जाँच से जाँच की गति होगी तेज: जिला सिविल सर्जन पदाधिकारी डॉ आत्मानंद राय ने बताया, कोरोना जाँच की गति बढ़ाने के लिए पूल जाँच तरीके का सहारा लिया जाता है। दरअसल सामान्य तरीके की जाँच में लोगों को अस्पताल में घंटो लाइन में खड़ा रहकर अपने बारी का इंतजार करना होता था। जिसमें एक व्यक्ति को औसतन 20-30 मिनट का इंतजार करना पड़ता था। किन्तु पूल जाँच से एक ही समय में तीन से पाँच लोगों का जाँच हो पाएगा। इससे लोगों की परेशानी कम होगी एवं घंटो अस्पताल में खड़ा रहकर अपने बारी का इंतजार नहीं करना नहीं करना पड़ेगा। इस जाँच को प्राथमिकता देने से आए दिन उत्पन्न होने वाली किट की समस्या दूर होगी।
क्या है पूल टेस्टिंग:
जिला सिविल सर्जन पदाधिकारी डॉ आत्मानंद राय ने बताया, पूल टेस्टिंग यानि एक से ज़्यादा सैंपल को एक साथ लेकर टेस्ट करना और कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाना पूल टेस्टिंग कहलाता है पूल टेस्टिंग का इस्तेमाल कम संक्रमण वाले इलाक़ों में होता है. जहां संक्रमण के ज़्यादा मामले हैं वहां पर अलग-अलग जांच की जाती है पूल टेस्टिंग अधिकतम पांच लोगों की एक साथ जांच की जा सकती है. पूल टेस्टिंग के लिए पहले लोगों के नाक या गले से स्वैब का सैंपल लिया जाता है. फिर उसकी टेस्टिंग के ज़रिए कोविड19 की मौजूदगी का पता लगाया जाता है
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Film Fair (Admin)