जागरूकता बढ़ी तो लोग होम आइसोलेशन को दे रहे तरजीह

 
लकड़ीकोला स्थित कोविड केयर सेंटर में सिर्फ 3 मरीज हैं भर्ती 
14 दिनों तक सावधानी से रहने पर होम आइसोलेशन में मरीज हो रहे स्वस्थ
बांका, 21 अगस्त
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम का असर अब दिखने लगा है. जागरूकता कार्यक्रम से लोगों में यह विश्वास पनपा है कि घर में रहते हुए हम कोरोना को मात दे सकते हैं. यही कारण है कि लोग अब लकड़ीकोला स्थित कोविड केयर सेंटर में भर्ती होने के बजाय होम आइसोलेशन में रहना पसंद कर रहे हैं. जागरूकता का एक फायदा यह भी हुआ है कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मरीज भी कम मिल रहे हैं. सदर अस्पताल के मैनेजर अमरेश कुमार कहते हैं कि होम आइसोलेशन में जाने वाले मरीजों को एक किट दिया जाता है जिसमें दवा, मास्क सहित मरीजों के लिए जरूरी सामान होते हैं. साथ में टेलीफोन से बीच-बीच में मरीजों की सेहत के बारे में जानकारी भी ली जाती है. अगर मरीज होम आइसोलेशन में भी सतर्कता से रहें तो आसानी से ठीक हो सकते हैं. 
हालांकि 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहने के दौरान कोरोना उपचाराधीन व्यक्ति को थोड़ी सावधानी बरतनी होगी. बांका शहरी पीएचसी के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि निश्चित तौर पर जागरूकता कार्यक्रम का असर लोगों पर पड़ रहा है. अब बाजार में भी लोग मास्क पहने देखे जा रहे हैं. शारीरिक दूरी का भी लोग पालन कर रहे हैं. लोगों में कोरोना को हराने के प्रति विश्वास बढ़ा है. यही वजह है कि लोग होम आइसोलेशन को तरजीह दे रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. होम आइसोलेशन के दौरान घर में उपचाराधीन व्यक्ति के लिए अलग हवादार कमरा और टॉयलेट होना अनिवार्य है. अगर ऐसा नहीं हैं, तो आप इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें, ताकि अस्पताल में कोविड केयर सेंटर में आपके लिए व्यवस्था की जा सके. कोरोना उपचाराधीन व्यक्ति की देखभाल के लिए एक व्यक्ति का होना बेहद जरूरी है. अगर परिवार का कोई सदस्य या बुजुर्ग जिनकी उम्र 55 साल से ज्यादा है या घर में कोई गर्भवती महिला या फिर गंभीर बीमारी से जूझ रहा कोई मरीज है, तो उपचाराधीन व्यक्ति के ठीक होने तक उनको किसी रिश्तेदार के घर ठहराने की व्यवस्था करें.
 
हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें:
होम आइसोलेशन में रहने के दौरान हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें और 8 घंटे उपयोग के बाद सही से निस्तारण कर दें. अगर मास्क गीला या गंदा हो जाता है, तो उसको तुरंत बदल दें. ऐसा करने से आप तो सुरक्षित रहेगे ही. घर के अन्य सदस्य भी सुरक्षित रहेंगे. इसलिए घर पर रहते वक्त भी मास्क का इस्तेमाल हर हाल में करें.
 
एक ही कमरे में रहें: होम आइसोलेशन के दौरान अपने कमरे में ही रहें और घर के दूसरे कमरों में न जाएं. साथ ही दरवाजे, टेबल जैसी चीजों को छूने से बचें, जिससे घर के अन्य सदस्यों के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा न रहे. कोरोना मरीज अपने कमरे की खिड़कियां हमेशा खुली रखें और अलग टॉयलेट का इस्तेमाल करें. अपने हाथों को साबुन से कम से कम 40 सेकंड तक अच्छे से धोएं या सेनिटाइजर से साफ करते रहें. घर के दूसरे सदस्यों से अपनी निजी वस्तुओं यानि कपड़े, बर्तन समेत अन्य चीजों को साझा न करें.
 
डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा का सेवन करें: उपचाराधीन व्यक्ति होम आइसोलेशन के दौरान डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा को नियमित रूप से लेते रहें. अगर आप किसी अन्य बीमारी की दवाएं लेते हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें. उपचाराधीन व्यक्ति  रिकवरी पीरियड के दौरान धूम्रपान न करें. साथ ही भरपूर आराम करें और शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें. इसके लिए सूप, जूस और पानी आदि लेते रहें. भोजन के साथ फलों का सेवन करें.
 
टीवी देखकर समय गुजारें: होम आइसोलेशन के दौरान उपचाराधीन व्यक्ति मोबाइल और अन्य ऑनलाइन माध्यम से अपने परिजनों और करीबियों से बातचीत करते रहें. इस दौरान टीवी देखकर और कंप्यूटर में काम करके भी समय गुजारा जा सकता है. इससे मन भी लगेगा और मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रहेंगे.
 
परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें: अगर होम आइसोलेशन के दौरान उपचाराधीन व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है या फिर छाती में लगातार दर्द व दबाव होता है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें. मानसिक भ्रम होने या फिर होठों व चेहरों के नीले पड़ने पर डॉक्टर से तत्काल संपर्क करें. साथ ही कोरोना मरीज की देखरेख करने वाले को भी पूरी सावधानी बरतनी चाहिए

रिपोर्टर

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