‘डेवलपमेंट ऑफ़ कोविड 19 वैक्सीन—इंडिया ए ग्लोबल हब’ विषय पर वेबिनार का आयोजन


12 माह से कम समय में चुनौतियों के बीच तैयार किया गया कोविड वैक्सीन: डॉ रेनू स्वरूप


50 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोग अत्यधिक जोखिम की श्रेणी में, कोविड टीकाकरण जरूरी


पटना-


कोविड 19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए तीन चरणों में आयोजित होने वाली कोविड टीकाकरण कार्यों को लेकर वेबिनार का आयोजन किया गया. इस वेबिनार का संचालन डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी व बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंट काउंसिल बीआइआरएसी की चेयरपर्सन डॉ रेनू स्वरूप की अध्यक्षता में की गयी. इस मौके पर नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद के पॉल, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी, त्रिवेदी स्कूल ऑफ़ बायोसांइसेज के निदेशक डॉ शाहीद जमील ने वेबिनार  को संबोधित किया.


नई वैक्सीन का किया जा रहा क्लीनिकल ट्रायल:

कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए डॉ रेनू स्वरूप ने कहा कि कोविड 19 वैश्विक महामारी की रोकथाम व नियंत्रण करने में भारत ने बेहतरीन तरीके से काम किया है. कोविड 19 को फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण को लेकर भी वैश्विक स्तर पर भारत में हुए कार्यों की प्रशंसा की जा रही है. उन्होंने कहा कोविड वैक्सीन को तैयार करने में कई चुनौतियाँ का सामना भी करना पड़ा है. महामारी की शुरूआत के साथ ही 12 माह से कम समय में चुनौतियों के बीच वैक्सीन तैयार किया गया है. चूंकि यह वायरस बिल्कूल नया था और वायरस से वैक्सीन तक की यात्रा को इस वायरस को पूरी तरह समझना पड़ा है. वायरस के कई वेरिएंट जिनमें यूएस, ब्राजील व अफ्रीकी शामिल हैं उन्हें भी समझा गया है. उन्होंने कहा कि हमलोगों के पास वायरस के निपटने के लिए दो तरह के वैक्सीन हैं. भविष्य के लिए अन्य वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है. वैक्सीन तैयार करने में वैज्ञानिकों व शोध से जुड़े विभिन्न समुदायों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान मिला है. भारत में 60 प्रतिशत ग्लोबल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है. और इस तरह भारत एक ग्लोबल हब के रूप में देखा जा रहा है. इसके लिए मैत्री कार्यक्रम का संचालन भी किया गया है. 


कोविड संक्रमण से मरने वालों में 80 फीसदी लोग 50 साल की उम्र या इससे अधिक के:

डॉ विनोद के पॉल ने कहा भारत में कोविड वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियों व इस इंडस्ट्री ने नयी आशाओं का संचार किया है. सबसे पहले लोक स्वास्थ्य की सुरक्षा बहुत ही आवश्यक है. प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकृत करने का काम किया गया है. दूसरे चरण फ्रंटलाइन वर्कर्स को चिन्हित कर टीकाकरण देने का काम किया गया है जो पत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोविड 19 की रोकथाम में लगे हुए हैं. तीसरे चरण में आमलोगों को शामिल किया गया है. इनमें कोविड संक्रमण के जोखिम श्रेणी में शामिल लोगों को टीकाकरण के लिए मुख्य रूप से लक्षित किया गया है. उन्होंने बताया भारत में कोविड संक्रमण से मरने वाले लोगों में 80 फीसदी लोग 50 साल की उम्र या इससे अधिक के हैं. इस आयुवर्ग के लोगों को अधिक सुरक्षित रखने की जरूरत है. जबकि दो तिहाई मृत्यु में पूर्व से कैंसर, डायबिटीज, दिल व लीवर रोग से ग्रसित लोगों की है. उन्होंने बताया अगले सात से आठ माह में कोविड के 65 करोड़ डोज उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा 70 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों व 30 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीकाकृत किया जा चुका है. देश में 10000 वैक्सीन साइट बनाये गये हैं. निजी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर तैयार की गयी सत्र स्थलों की संख्या 2000 है. साइटस की संख्या को भविष्य में बढ़ाया जायेगा. वेबिनर  के दौरान डॉ शाहीद जमील व अन्य विशेषज्ञों ने भी कोविड 19 वायरस की संरचनाओं व उसके म्यूटेशन प्रक्रिया पर प्रकाश डाला.  


वेबीनार में शामिल वक्ताओं का स्वागत डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के एडवाइजर डॉ अलका शर्मा ने किया तथा प्रेसीडेंशियल रिमार्क इंडिया इंटरनेशनल के अध्यक्ष एनएन वोहरा ने दिया. वेबिनार को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फांउडेशन, बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंट काउंसिल  के प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के प्रबंध निदेशक डॉ श्रीशेंदू मुखर्जी ने किया.

बिहार के विभिन्न जिलों के पत्रकार गण भी वेबिनार में शामिल हुए.

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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