कालाजार से मुक्ति के लिए 3 मार्च से जिले में सिंथेटिक पायराथायराइड का होगा छिड़काव



-सिंथेटिक पायराथायराइड के छिड़काव को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को मिला प्रशिक्षण

-जिले के 12 प्रखंडों के कालाजार प्रभावित गांव में जल्द होना है छिड़काव

-सदर अस्पताल के साथ कहलगांव और नवगछिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दिया गया प्रशिक्षण



भागलपुर-


जिले के 12 प्रखंडों में कालाजार से मुक्ति को लेकर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव 3 मार्च से किया जाएगा. इसे लेकर मंगलवार को सदर समेत जिले के 3 सरकारी अस्पतालों में छिड़कावकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक, केबीसी आनंद श्रीवास्तव और केटीएस ए मनन ने स्वास्थ्यकर्मियों को छिड़काव के तरीके बताए. सदर अस्पताल, नवगछिया और कहलगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में छिड़कावकर्मियों का प्रशिक्षण बुधवार तक चलेगा.


पूरी दीवार पर होगा छिड़काव: 

केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि पहले दीवार में 6 फीट की ऊंचाई तक सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव होता था, लेकिन इस बार पूरी दीवार में छिड़काव कराया जाएगा. घर के अंदर सभी जगहों पर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव होगा. यह अभियान जिले के 12 प्रखंडों के 57 गांवों में 66 दिनों तक चलेगा.


जिले के चार प्रखंड हैं कालाजार मुक्त: केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि जिले के चार प्रखंड कालाजार से मुक्त हैं. नाथनगर, जगदीशपुर, नवगछिया और बिहपुर प्रखंड में कालाजार के एक भी मरीज नहीं हैं. इसलिए जिले के शेष बचे 12 प्रखंडों में छिड़काव कराया जाएगा.


कालाजार की रोकथाम को लेकर विभाग अलर्ट: 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. प्रभावित प्रखंडों में छिड़काव का काम अगले महीने से  किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 4 प्रखंड कालाजार से मुक्त हैं, इसलिए वहां छिड़काव का काम नहीं होगा. केयर इंडिया के डीपीओ ने बताया कि छिड़कावकर्मियों को चिह्नित गांव की जानकारी दी गई है.


घर के पास जलजमाव नहीं होने दें: 

डॉ पटेल ने बताया अब दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें. सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छररोधी क्रीम लगाएं. कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई.



कालाजार की ऐसे करें पहचान:

डॉ पटेल ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है. कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है. यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है. कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है. यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है. यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है. बाल व त्वचा के परत भी सूख कर झड़ते हैं. उन्होंने बताया कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करना चाहिए तथा रोगी को किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए.

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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