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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य व केंद्र शासित प्रदेश को दिये जरूरी निर्देश
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- May 04, 2021
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• सरकार एमबीबीएस छात्रों को कोविड प्रबंधन में आवश्यक सेवा देने के लिए करें प्रोत्साहित
• 100 दिनों तक सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रधानमंत्री विशिष्ट कोविड सेवा सम्मान
• प्रोस्ट ग्रेजुएट के लिए आयोजित होने वाली नीट परीक्षा रद्द, पीजी छात्र भी देंगे अपनी सेवा
भागलपुर, 4 मई: भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड 19 महामारी की रोकथाम में संसाधनों व मानवबल की कमी नहीं हो इसके लिए विशेष निर्देश दिये गये हैं. मंत्रालय ने राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार व संबंधित आला अधिकारियों को पत्र लिखाा है जिसमें संक्रमण काल में आवश्यक मानवबल प्रबंधन जुटाने के लिए कहा है. पत्र में कोविड महामारी की रोकथाम के लिए प्रशिक्षित मानवसंसाधन की आवश्यकता और आवश्यक तैयार किये गये गाइडलाइन की चर्चा की गयी है. यह गाइडलाइन नेशनल मेडिकल कमीशन तथा इंडियन नर्सिंग काउंसिल के साथ आवश्यक सलाह के साथ तैयार की गयी है.
गाइडलाइन के अनुसार कोविड 19 के कारण मेडिकल की पोस्ट ग्रेजुएट अध्ययन के लिए आयोजित होने वाली नेशनल एलिजिब्लिटी कम इंट्रेस टेस्ट— 2021 को स्थगित रहेगा. यह परीक्षा 31 अगस्त 2021 के बाद होगी. राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश की सरकार से कहा गया है कि नीट अभ्यार्थियों को कोविड 19 की रोकथाम में कार्यबल के रूप में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने का हर संभव प्रयास करें. कोरोना 19 प्रबंधन मे इन एमबीबीएस चिकित्सकों की सेवा ली जा सकती है.
टेलीकंस्लटेशन व कोविड मामलों की निगरानी:
गाइडलाइन में कहा गया है राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकार मेडिकल इंटर्न को उनके इंटर्नशीप के रूप में विभाग के प्रमुखों की देखरेख में कोविड मैनेजमेंट से जुड़ी ड्यूटी में लगा सकती है. टेलीकंसल्टेशन तथा माइल्ड कोविड से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों से सेवा ली जा सकती है. वहीं पोस्ट ग्रेजुएट के अंतिम वर्ष में रहे छात्रों से अगले नये पीजी बैच आने तक कोविड प्रबंधन संंबंधी सेवाएं ली जा सकती है. नई नियुक्ति से पूर्व सीनियर रेजिडेंट या रजिस्ट्रार से सेवा ली जानी है. वरीय चिकित्सकों तथा नर्सों की निगरानी में बीएससी नर्सिंग या जीएनएम क्वालिफाइड नर्सों की सेवाएं आईसीयू में कोविड नर्सिंग ड्यूटी के लिए ली जा सकती है. जीएनएम या बीएससी नर्सिंग की अंतिम वर्ष के छात्र—छात्राएं सरकारी व गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में अपने विभागाध्यक्ष की निगरानी में कोविड नर्सिंग ड्यूटी के लिए सेवा देंगे।
100 दिनों तक सेवा देने की कही गयी है बात:
गाइडलाइन में इस बात की चर्चा की गयी है कि नेशनल मेडिकल कमीशन तथा इंडियन नर्सिंग काउंसिल की सहमति के साथ इसे तैयार किया गया है और कोविड 19 प्रबंधन में मानव संसाधनों को और अधिक बढ़ाने का प्रयास किया गया है. ये सुविधाएं सरकारी और गैरसरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को प्राप्त करनी चाहिए. गाइडलाइन में कहा गया है कोविड देखभाल में 100 दिनों तक सेवा देने के पश्चात ही आर्थिक रूप से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. वहीं सरकार द्वारा कोविड 19 प्रबंधन में लगे स्वास्थ्यकर्मियों का जीवन बीमा इंश्योरेंस स्कीम ऑफ गर्वमेंट फॉर हेल्थ वर्कर्स फाइटिंग कोविड 19 के तहत कवर किया जायेगा. सभी स्वास्थ्यकर्मी जो कम से कम 100 दिनों तक कोविड प्रबंधन कार्य व ड्यूटी में लगे हैं और जिन्होंने इस अवधि को सफलतापूर्वक पूरा किया हैं उन्हें भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री विशिष्ट कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान दिया जायेगा.
सेवा देने वालों को नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिकता:
राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वह सुनिश्चित करें कि ऐसी सेवाओं में लगे स्वास्थ्यकर्मियों का वैक्सीनेशन कार्य पूरा हो चुका हो. वहीं केंद्र सरकार ने न्यूनतम 100 दिनों तक सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को स्वास्थ्य नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिकता देने की अनुशंसा राज्य सरकार से की है. सभी राज्य व केंद्र शासित सरकार को निर्देशित किया है कि 45 दिनों के अंदर चिकित्सकों, नर्स व सभी प्रकार की खाली पद पर उम्मीदवारों का संविदा के आधार पर नियोजन करने की बात कही गयी है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar