1000 युवाओं को जोड़ने का है लक्ष्य

 


पटना- 26 मई:


 किशोर एवं किशोरियां के हाथों की हथेली और कलाई पर बने रेड डॉट को देखकर आपको आश्चर्य जरुर होगा. हो सकता है आप इसे आधुनिक समय की फैशन समझने की भूल भी कर लें. लेकिन हाथों पर रेड डॉट बनाकर किशोर और किशोरियां माहवारी स्वच्छता के प्रति लोगों को अगाह कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण काल में युवाओं का यह प्रयास मासिक स्वच्छता के प्रति उनके साथ समाज के सभी लोगों को जागरूक करने की कोशिश है. युवाओं को इस मुहिम से जोड़ने के लिए घरेलू हिंसा एवं लिंग असामनता पर कार्य कर रही सहयोगी संस्था सोमवार से ही कार्य करने में जुटी है.  


बुधवार को 200 किशोर एवं किशोरियों हुए मुहिम में शामिल:

सहयोगी संस्था की कार्यकारी निदेशक रजनी सहाय ने बताया कि बुधवार को 200 युवाओं को मासिक स्वच्छता की मुहिम में शामिल किया  गया. जिसमें किशोरियों के साथ किशोर भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि 28 मई को विश्व मासिक स्वच्छता दिवस मनाया जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए सहयोगी संस्था युवाओं को शामिल कर मासिक स्वच्छता पर समुदाय को जागरूक कर रही है. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य 1000 युवाओं को इस मुहिम से जोड़ना है ताकी वे विभिन्न माध्यमों जैसे फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया के जरिए 10000 लोगों तक मासिक स्वच्छता का सन्देश पहुंचा सके. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि मासिक स्वच्छता जैसा विषय महिलाओं पर केन्द्रित होने के बाद भी किशोर भी इस मुहिम में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि बुधवार को किशोर एवं किशोरियों ने हाथों पर रेड डॉट बनाकर मासिक स्वच्छता पर लोगों को सन्देश दिया है. इस मुहिम को सहयोगी संस्था आगे भी जारी रखने का प्रयास करती रहेगी. 

चुप्पी तोड़ने से ही सोच में आएगा बदलाव: 

मासिक स्वच्छता की मुहिम से जुड़ी प्रियंका कुमारी ने कहा कि मासिक स्वच्छता पर हम जैसी किशोरियां जितनी अपनी चुप्पी तोड़ेंगी उतना ही समुदाय में इस बात पर झिझक ख़त्म होगी. उन्होंने कहा कि जब हम अन्य प्राकृतिक विषयों पर बेबाक होकर अपनी राय रख सकते हैं तो फिर मासिक स्वच्छता पर क्यों नहीं? 

इसी मुहिम से जुड़ी अंशु कुमारी का कहना है कि जब तक हम मासिक स्वच्छता के प्रति नजरिया स्वयं नहीं बदलेंगे तब तक समुदाय की सोच में भी परिवर्तन आना मुश्किल है. उन्होंने कहा इसलिए वह सभी आज हाथों पर रेड डॉट अन्य किशोरियों के साथ समुदाय को भी इस पर खुल कर बात करने का संदेश दी है.


पुरुषों की भी है समान ज़िम्मेदारी: 

मुहिम से जुड़े राहुल कुमार ने कहा कि समाज में महिलाओं के साथ भेद-भाव तब तक खत्म नहीं हो सकता जब तक पुरुष महिलाओं की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि अभी भी मासिक स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण विषय पर परिवार और समाज में खुल कर बात नहीं होती. यह सोचने का विषय का है कि क्या मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना सिर्फ़ महिलाओं की जिम्मेदारी है या इसमें पुरुषों की भी भूमिका जरुरी है? उन्होंने कहा कि वह इस मुहिम में शामिल है और इसमें अन्य पुरुषों को भी शामिल होना चाहिए.

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Dr. Rajesh Kumar

संबंधित पोस्ट