कोरोना संक्रमण कम होने के बाद सदर अस्पताल मुंगेर स्थित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) शुरू



- जून के महीने में 14 और जुलाई में अबतक 6 बच्चे हुए भर्ती 


- एनआरसी मुंगेर में अभी कुल 9 बच्चों का चल रहा इलाज 


मुंगेर, 09 जुलाई-


 जिला में कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने के बाद सदर अस्पताल मुंगेर स्थित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) विगत 14 जून से एक बार फिर से शुरू हो गया है। 14 जून से लेकर शुक्रवार तक   एनआरसी मुंगेर में इलाज और पोषण के किये कुल 20 बच्चे भर्ती हुए हैं जिनमें से अभी कुल 9 बच्चों का इलाज यहां चल रहा है। इसके साथ ही तीन बच्चों को रेफर किया गया है।


जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) और एनआरसी मुंगेर के नोडल अधिकारी विकास कुमार ने बताया कि मुंगेर में कोरोना संक्रमण के मामले में काफी कमी आने के बाद विगत 14 जून से सदर अस्पताल मुंगेर स्थित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) शुरू कर दिया गया है। इसके बाद जून के महीने में 14 और जुलाई के महीने में शुक्रवार तक 6 सहित कुल 20 बच्चे भर्ती कराए गए हैं। इसके साथ ही जून के महीने में दो और जुलाई में एक बच्चे सहित कुल तीन बच्चों को रेफर किया गया है। उन्होंने बताया कि एनआरसी मुंगेर में अभी कुल 9 बच्चों का इलाज जारी है। 


एनआरसी मुंगेर से रेफर किए गए तीन बच्चे 

एनआरसी मुंगेर में कार्यरत फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर रचना भारती ने बताया कि एनआरसी मुंगेर से रेफर किए गए तीन बच्चों में से एक 18 माह की कि बच्ची मीनाक्षी कुमारी थी। उनके पिता का नाम सन्नी मंडल और माता का नाम ममता देवी था। ये लोग जमालपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कलारामपुर के रहने वाले थे। इस बच्ची में सेवर प्रोटीन इनर्जी (पीईम) और माल न्यूट्रिशन विथ  ओडेमा की परेशानी थी। रेफर किया गया दूसरा बच्चा दो माह की आरूही थी। इसके पिता का नाम श्रवण मांझी और माता का नाम राधा रानी था। इस बच्ची में रेक्टोवेजिनल फिस्टुला की  परेशानी थी। इसके साथ ही एनआरसी से रेफर किया गया तीसरा बच्चा दो महीने का आर्यन कुमार था। जिसे सेवर एक्यूट माल न्यूट्रीशन विथ सीपी की परेशानी थी। 


एनआरसी में सैनिटाइज़ेशन की विशेष ब्यवस्था करते हुए कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से किया जाता है अनुपालन : 

फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर रचना भारती ने बताया कि यहां सैनिटाइज़ेशन की विशेष ब्यवस्था की गई है। पूरे एनआरसी परिसर की  एक निश्चित अंतराल के बाद साफ-सफाई की जाती है। इसके साथ ही बच्चों के रहने के स्थान, उसके सही पोषण के लिए दिए जाने वाले खाने- पीने के चीजों की साफ- सफाई पर विशेष तौर ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही एनआरसी परिसर में आने वाले सभी लोगों के लिए  मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। यहां इलाजरत सभी बच्चों और उसके अभिभावकों को शारीरिक दूरी के नियम के तहत एक दूसरे से कम से कम दो गज या छह फ़ीट की दूरी बरतने की सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि एनआरसी की ओर से बच्चे कि मां को मास्क, सैनिटाइजर और साबून भी दिया जाता है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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