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मुंगेर को फाइलेरिया से मुक्त बनाने को संकल्पित हों जिलावासी : मेयर
- जिला में 20 सितंबर से चल रहा है सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम
- लोग खुद के साथ अपने परिजनों और दोस्तों को दवा सेवन के लिए करें प्रेरित
मुंगेर -
फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से मुंगेर को मुक्त बनाने में जिला के सभी लोग संकल्पित होकर आगे आएं और स्वास्थ्य कर्मी के सामने खुद दवा खाने के साथ ही अन्य लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। उक्त बातें सोमवार को नवरात्रि के अवसर पर जिले में सर्वजन दवा सेवन अभियान की सफलता को ले मुंगेर की जनता से अपील करते हुए मुंगेर नगर निगम की मेयर रूमा राज ने कही। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया या हाथी पांव एक गम्भीर बीमारी है। इस बीमारी से मुंगेर जिला भी काफी प्रभावित है। हाथी पांव के साथ-साथ हाइड्रोसिल का बढ़ जाना भी फाइलेरिया के ही कारण होता है। हालांकि एक छोटे से ऑपरेशन के बाद बढ़े हुए हाइड्रोसिल से तो निजात मिल जाती है लेकिन यदि किसी को हाथी पांव की बीमारी हो जाती है तो उसे ताउम्र उसके साथ ही गुजारना पड़ता है। इस बीमारी से बचने का एक ही जरिया है कि दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोग साल में कम से कम एक बार अवश्य फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी की टैब्लेट का सेवन करें। उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवम किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित लोग इस दवा का सेवन नहीं करें। हालांकि बच्चों को स्तनपान कराने वाली माताएं फाइलेरिया के दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी की टैब्लेट का सेवन कर सकती हैं।
जिला में 20 सितंबर से चल रहा है एमडीए अभियान :
उन्होंने बताया कि विगत 20 सितंबर से ही जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंड़ों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सहयोग से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिला रहे हैं। आमलोगों से अपील करते हुए उन्होने कहा कि फाइलेरिया जैसी बीमारी को मुंगेर से दूर भगाने के लिए सभी जिला वासी जब भी उन्हें फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता की टीम उनके घर जाए तो वो स्वयं उनके सामने दवा खाने के साथ ही अपने परिवार के सभी लोगों, आस पास रहने वाले सभी लोगों और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी फाइलेरिया की दवा खाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की एक टैब्लेट, पांच वर्ष से 15 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक तथा 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन एवं अल्बेंडाजोल की एक टैब्लेट दिया जाना है। अल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर कर डीईसी की गोली पानी के साथ निगल का खाना है। इन दवाओं को खाली पेट कभी भी नहीं खाना है । यदि फाइलेरिया की दवा खाने के बाद किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी महसूस होती है तो तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar