जिला में चलाए जा रहे एमडीए कार्यक्रम पर डब्ल्यूएचओ ने जारी किया मॉनिटरिंग फीडबैक 

 
 
-  फाइलेरिया बिहार के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने भी पत्र जारी कर की सराहना 
 
- डब्ल्यूएचओ की टीम ने प्रखंडवार जारी किया मॉनिटरिंग फीडबैक 
 
मुंगेर-
 
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए विगत 20 सितंबर से जिला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम पर डब्ल्यूएचओ की टीम ने मॉनिटरिंग फीडबैक जारी किया है। इसके अनुसार विभिन्न मानकों के अनुसार जिला के सभी प्रखंडों पर मॉनिटरिंग फीडबैक जारी किया है। इस संबंध में फाइलेरिया  बिहार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी सह अपर निदेशक डॉ. बिपिन कुमार सिन्हा ने मुंगेर के जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह को डब्ल्यूएचओ टीम द्वारा जारी गए मॉनिटरिंग फीडबैक का एक्सेल शीट डाटा शेयर करते हुए मुंगेर में एमडीए कार्यक्रम के सफल संचालन की सराहना की है। 
 
मुंगेर के वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि जिला में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए विगत 20 सितंबर से लगातार जिला में एमडीए कार्यक्रम चल रहा है। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फाइलेरिया  बिहार द्वारा जारी पत्र के अनुसार राज्य में अब एमडीए कार्यक्रम समाप्त हो चुका है। इस दौरान मुंगेर जिला में किए गए प्रयास की  राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने भी सराहना की है। इस कार्यक्रम का डब्ल्यूएचओ की टीम के द्वारा मॉनिटरिंग की गई जिसका प्रखण्ड वार मॉनिटरिंग फीड बैक का एक्सेल शीट भी जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर से जारी एमडीए कार्यक्रम के दौरान पल्स पोलियो अभियान सहित कई अन्य कार्यक्रम भी चल रहे थे । जिसकी वजह से एमडीए कार्यक्रम इस दौरान सही रूप में संचालित नहीं हो पाया। अब 15 से 20 नवम्बर तक एमडीए कार्यक्रम का मॉप अप राउंड चलाकर छूटे हुए क्षेत्रों में पुनः भ्रमण कर सभी छूटे हुए लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। जिला के सभी अनुमण्डल अस्पताल, रेफ़रल अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी को अपने-अपने क्षेत्र में मॉप अप राउंड चलाने के लिए आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। इस दौरान लाइन लिसनिंग और फैमिली रजिस्टर को भी अपडेट करना है। 
 
उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ की टीम द्वारा जारी किए गए प्रखंडवार मॉनिटरिंग फीडबैक के अनुसार जिला भर में कुल 365 मॉनिटरिंग टीम ने काम शुरू किया था । जिसमें से 80 प्रतिशत ने काम पूरा किया। इनमें से 68 प्रतिशत टीम के पास काम करने का माइक्रोप्लान था। इसके साथ ही 71 प्रतिशत मॉनिटरिंग टीम या ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर पूरी तरह से प्रशिक्षित थे। 99 प्रतिशत टीम ने  पर्याप्त मात्रा में ड्रग के साथ काम किया। 3 प्रतिशत लाइन लिसनिंग केस एमडीए कार्यक्रम शुरू होने के पहले अपडेट कर लिए गए थे।  74 प्रतिशत मॉनिटरिंग टीम ने ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के साथ- साथ फैमिली रजिस्टर को भी अपडेट किया। 99 प्रतिशत मॉनिटरिंग टीम या ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर एमडीए डोज के बारे में पूरी तरह से जागरूक थे। एमडीए कार्यक्रम के दौरान 55 प्रतिशत मॉनिटरिंग टीम ने कोविड सुरक्षा और 84 प्रतिशत ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया। 75 प्रतिशत टीम ने कार्यक्रम के दौरान दवा खिलाने के लिए कटोरी पद्धति का अनुपालन किया। कुल 808 टीम मॉनिटर ने घरों का विज़िट किया । 42 प्रतिशत घरों में टीम ने ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का उपभोग कराया वहीं 28 प्रतिशत घरों में ड्रग डिस्ट्रीब्यूट किया गया। 30 प्रतिशत घरों में एडमिनिस्ट्रेशन और डिस्ट्रिब्यूशन दोनों किया गया। इसके अलावा 90 प्रतिशत घरों में हाउस मार्किंग किया हुआ पाया गया।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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