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विश्व एड्स दिवस: जागरूकता रैली को सिविल सर्जन सहित अन्य अधिकारियों ने दिखाई हरी झंडी
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- Dec 02, 2021
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- हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इटहरी, नॉवागढ़ी में पोस्टर के माध्यम से लोगों को किया गया जागरूक
- समझदारी और संयम से ही एड्स से सुरक्षा संभव
- “एंड इनइक्वेलिटी, एंड एड्स” है इस वर्ष का थीम
मुंगेर-
विश्व एड्स दिवस पर बुधवार को एआरटी सेंटर मुंगेर से एएनएम स्कूल की शिक्षिकाएं , छात्राओं सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने जागरूकता रैली निकाली| जिसे मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र कुमार आलोक, डीपीएम नसीम रजि, सीडीओ डॉ. ध्रुव कुमार सहित कई अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाई। जागरूकता रैली एआरटी सेंटर से निकल कर एक नंबर ट्रैफिक तक गई और पुनः एआरटी सेंटर लौट कर समाप्त हो गई। इस अवसर पर मुंगेर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक प्राण मोहन सहाय, एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव कुमार, एनसीडी विभाग के मनोचिकित्सक सलाहकार नितिन आंनद, टीबी विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी, एएनएम स्कूल की प्रभारी प्राचार्य रागिनी कुमारी सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। इसके साथ ही हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर इटहरी, नॉवागढ़ी मुंगेर में भी सीएचओ अर्चना कुमारी के नेतृत्व में पोस्टर प्रजेंटेशन के माध्यम से लोगों को एचआईवी के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर सीएचओ अर्चना कुमारी के अलावा एएनएम मालती कुमारी और आशा कार्यकर्ता ममता और विशाखा कुमारी भी उपस्थित थी। मालूम हो कि एचआईवी एक गंभीर बीमारी है जिसका वर्तमान में कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। इसे आम बोलचाल कि भाषा में एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम कहा जाता है। एड्स बीमारी के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ही प्रत्येक साल विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। एड्स पीड़ित मरीजों से हो रहे भेदभाव को दर्शाने के लिए “एंड इनइक्वेलिटी, एंड एड्स” को इस साल के विश्व एड्स दिवस के थीम के रूप में चुना गया है।
चर्चा और जागरूकता से एड्स की समाप्ति संभव :
जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाने के दौरान लोगों को सम्बोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र कुमार अलोक ने बताया कि वो हर चीज जो हमें और हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, उसके बारे में हमें चर्चा करनी चाहिए। इसी क्रम में एड्स बीमारी भी हमें प्रभावित करती है। इससे एक व्यक्ति का जीवन ही नहीं बल्कि उससे संबंधित अन्य लोगों का भी जीवन प्रभावित होता है। व्यक्ति अगर समझदारी का परिचय देता है और उसका आचरण संयमित है तो वह स्वयं को एड्स से सुरक्षित रख सकता है । उन्होंने बताया कि राज्य एड्स नियंत्रण समिति के प्रयासों से राज्य में एड्स पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है लेकिन इसकी चर्चा निरंतर होती रहनी चाहिए। एड्स लाइलाज बीमारी है तथा जानकारी एवं शिक्षा ही इससे बचाव का सबसे सशक्त जरिया है। जिला की सभी गर्भवती माताओं को एड्स की जांच करानी चाहिए, यह सुविधा प्रखंड से लेकर जिला अस्पताल तक निःशुल्क उपलब्ध है। राज्य सरकार ने 2030 तक राज्य को पूरी तरह से एड्स से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
1097 हेल्पलाइन व 'हम साथी' एप से लें जानकारी :
एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव कुमार शाह ने बताया कि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा एचआईवी एड्स हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। हेल्पलाइन नंबर 1097 से एड्स संक्रमण होने के कारणों व बचाव के बारे में जानकारी ली जा सकती है। इसके साथ ही यदि एड्स की जांच या एड्स संबंधी इलाज सुविधा की भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही 'हम साथी' मोबाइल एप डाउनलोड कर एड्स से संबंधित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह मोबाइल एप एड्स के प्रति जागरूकता लाने और बच्चों में मां के माध्यम से एड्स के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराता है।
एचआवी संक्रमण की जानकारी रखेगा सुरक्षित :
एआरटी सेंटर की काउंसलर अमृता कुमारी सिंह ने बताया कि युवाओं में यौन शिक्षा का अभाव एचआईवी संक्रमण का सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सीरिंज या सुई का प्रयोग, संक्रमित रक्त आदि का प्रयोग भी एचआईवी एड्स का महत्वपूर्ण कारण है। वहीं एचआईवी संक्रमित माता से उसकी संतान को भी एचआईवी का संक्रमण होता है। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह समाप्त कर देता है। जिससे पीड़ित अन्य घातक बीमारियों जैसे टीबी, कैंसर व अन्य संक्रामक बीमारियों से भी प्रभावित हो जाता है। एड्स से बचाव के लिए जीवनसाथी के अलावा किसी से यौन संबंध नहीं बनायें। यौन संपर्क के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें। नशीली दवाइयों के लिए सुई के इस्तेमाल से दूर रहें। एड्स पीड़ित महिलाएं गर्भधारण से पहले चिकित्सीय सलाह लें। बिना जांच के या अनजान व्यक्ति से रक्त न लें। वहीं डिस्पोजेबल सीरिंज व सुई उपयोग में लायें। दूसरों के प्रयोग में लाये गये ब्लेड, रेजर आदि को इस्तेमाल में नहीं लायें।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar