सुमन कार्यक्रम के तहत मातृ-शिशु मृत्यु की सूचना देने पर दी जाती है प्रोत्साहन राशि



- सुमन कार्यक्रम के तहत गर्भवती को दी जाती है बेहतर स्वास्थ्य सेवा 

- मातृ मृत्यु-शिशु दर में आएगी कमी, सुदृढ़ होगी स्वास्थ्य सेवा 


खगड़िया-


 बेहतर स्वास्थ्य सेवा के अभाव में प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई प्रकार की परेशानियाँ का सामना करना पड़ जाता है। यहाँ तक कभी-कभी महिलाओं को जान भी गँवानी पड़ जाती है। किन्तु, अब महिलाओं को इन परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि, अब ऐसे महिलाओं को सुमन कार्यक्रम के तहत बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा रही है। जिससे ना सिर्फ महिला की परेशानियाँ दूर होगी, बल्कि मातृ मृत्यु दर में भी कमी आएगी और लोग संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देंगे। सुमन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ही है महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित हो और प्रसव के दौरान किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। 


- महिलाओं को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवा, मातृ-शिशु मृत्यु में आएगी कमी :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवनंदन पासवान ने बताया, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। किन्तु, जागरूकता के अभाव में कई बार समुदाय के लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। अब  गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सुमन कार्यक्रम शुरू किया गया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिला को  प्रसव के बाद 6 माह तक एवं  बीमार नवजातों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना। 


- मातृ-शिशु मृत्यु की सूचना देने पर मिलेगा एक हजार रुपये : 

सुमन कार्यक्रम के तहत शत-प्रतिशत मातृ मृत्यु दर की रिपोर्टिंग का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सबसे पहले मातृ मृत्यु की सूचना देने वाले व्यक्ति को एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाएगा। जबकि, मृत्यु के 24 घंटे के अंदर स्थानीय पीएचसी में सूचना देने पर आशा कार्यकर्ता को दो सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा इस संबंध में किसी प्रकार की परेशानियाँ होने पर 104 टाॅल फ्री नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 

- प्रसव के बाद छः माह तक बीमार प्रसूति और शिशु को मिलेगी निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा : 

सुमन कार्यक्रम के तहत प्रसव के बाद आवश्यकतानुसार बीमार प्रसूति और शिशु को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग लगातार ऐसे प्रसूति और शिशु की देखरेख करता है । साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता महिला के घर जाकर उनका स्वास्थ्य का अवलोकन करती हैं और वर्तमान स्थिति की स्थानीय पीएचसी को सूचना देती हैं। इन सेवाओं का शत-प्रतिशत लाभ लोगों मिले इस बात का ख्याल रखा जाता है। कार्यक्रम के तहत रेफरल सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा। इसके लिए किसी भी महत्वपूर्ण मामले की आपात स्थिति के एक घंटे के भीतर स्वास्थ्य सुविधा तक पहुंचने की गुंजाइश के साथ रेफरल सेवाओं का आश्वासन दिया जाएगा। जिसमें लाभार्थी को घर से अस्पताल तक पहुंचने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा शामिल है। जटिलताओं के मामले एवं सिजेरियन प्रसव पर निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।


- इन मानकों का रखें ख्याल और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर : 

- मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।

- नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।

- लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।

- बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।

- कोविड प्रोटोकॉल का पालन जारी रखें।

- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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