एसजेएमसी के छात्रों ने डॉ दिवाकर से बिहार और पत्रकारिता के विषय में जाना

 

पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ है

हमें कैसा समाज चाहिए ये हमें खुद तय करना है

किसी भी समाज को विकसित होने के लिए कभी देर नहीं होती

हर घर में संविधान भी रखा जाना चाहिए



पटना: पटना के आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में स्थित स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के पूर्व निदेशक डॉ डी एम दिवाकर के साथ संस्थान के विद्यार्थियों ने एक सार्थक परिचर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा में उन्होंने बिहार के सामाजिक, आर्थिक और ग्रामीण व्यवस्था पर पैनी नजर डाली. उन्होंने कहा कि अगर समाज में कोई भी बीमारी है तो वह समाज के विभिन्न हिस्सों में नज़र आएगी. 

 ग्रामीण पत्रकारिता जरुरी  

बिहार में ग्रामीण पत्रकारिता पर नए ढंग से काम करने की जरूरत हैं. उन्होंने बिहार में आर्थिक असमानता को भी उजागर किया, कहा कि जनसंख्या के अनुपात में बिहार में आर्थिक संभावनाओं में बहुत विरोधाभास है. उन्होंने कहा कि बिहार का सबसे बड़ा संसाधन जमीन, पानी और बिहार के लोग हैं, जो बिहार का परिदृश्य बदलने की क्षमता रखते है. हमें मानव संसाधन के विकास के लिए बेहतर योजनाएं बनाने की जरूरत हैं. 


बिहार की शिक्षा व्यवस्था यहां के छात्रों को अप्रवासी पक्षी बनाती है 

उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ है और उन्हें इस जिम्मेदारी को समझना होगा. आज जब सही आंकड़े नहीं उपलब्ध होने के कारण दिक्कतें हो रही हैं पत्रकारों को इसकी पूर्ति करनी चाहिए. उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर भी अपनी बात रखी, कहा बिहार की शिक्षा व्यवस्था यहां के छात्रों को अप्रवासी पक्षी बनाती है, जो ज्ञान लेने के बाद किसी और प्रांत के विकास में हिस्सेदार बनते हैं. उन्होंने संवैधानिक साक्षरता की भी चर्चा की,कहा कि हर घर में संविधान भी रखा जाना चाहिए. डॉ दिवाकर के अनुसार हमें कैसा समाज चाहिए ये हमें खुद तय करना है और उसी तरह के संस्थान विकसित करने की जरूरत हैं. अच्छी पत्रकारिता समाज को किसी भी मुद्दे पर एक स्वस्थ बहस का मौका देती हैं. उन्होंने अपनी बात ये कहते हुए समाप्त की कि बिहार को समझने के लिए पहले आपको बिहार के इतिहास और भौगोलिक परिदृश्य को समझने की जरूरत है. किसी भी समाज को विकसित होने के लिए कभी देर नहीं होती, आप जहां है, जिस भी क्षेत्र में है उसमें बेहतर करके समाज के विकास में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं. 

इस परिचर्चा में स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के निदेशक, डॉ इफ्तेख़ार अहमद, कोऑर्डिनेटर डॉ मनीषा प्रकाश और शिक्षक डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ अमित कुमार, डॉ अफ़ाक हैदर ने भी हिस्सा लिया

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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