हृदयरोग से पीड़ित किशोरी को समुचित इलाज के लिए भेजा गया अहमदाबाद


- किशोरी का अहमदाबाद में निःशुल्क होगा ऑपरेशन, मुफ्त मिलेगी सभी सुविधाएं

- आरबीएसके की टीम की पहल पर अभिभावक संग पीड़ित किशोरी को भेजा गया अस्पताल


लखीसराय, 29 जनवरी-


लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने को लेकर  स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत मानूचक गाँव में एक ऐसी किशोरी की खोज की गई, जो हृदय रोग से पीड़ित हैं। पीड़ित किशोरी झंडु साह की 17 वर्षीया पुत्री सुमन कुमारी है। किशोरी के परिवार वाले  अपनी बच्ची का समुचित इलाज और स्वस्थ होने की उम्मीद छोड़ चुके थे। किन्तु, अब किशोरी का सरकार के सहयोग एवं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की पहल पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना से समुचित इलाज होगा। वहीं, पीड़ित किशोरी को सरकारी एम्बुलेंस से पटना भेजा गया, वहाँ से हवाई जहाज से किशोरी को अभिभावक के साथ श्री सत्य साईं अस्पताल भेजा गया। जहाँ किशोरी का निःशुल्क ऑपरेशन एवं समुचित इलाज होगा।


- किशोरी को सभी सुविधाएं मिलेगी मुफ्त, परिजनों को नहीं उठानी पड़ेगी खर्च : 

सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, किशोरी को आने-जाने समेत सभी सुविधाएं यानी ऑपरेशन से लेकर समुचित इलाज तक की सुविधाएं पूरी तरह मुफ्त मिलेगी। इस दौरान अभिभावकों को किसी प्रकार का खर्च नहीं करना पड़ेगा। वहीं, उन्होंने बताया, किशोरी को यहाँ से 102 एम्बुलेंस के माध्यम से नि:शुल्क राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (एसआईएचएफडब्ल्यू) शेखपुरा पटना भेजा गया। वहाँ से नि:शुक्ल समुचित इलाज के लिए फ्लाइट के माध्यम से अभिभावक संग श्री सत्य हार्ट हृदय अस्पताल अहमदाबाद भेजा गया। 


- पीड़ित बच्चों का निःशुल्क होगा समुचित इलाज : 

किशोरी को चिह्नित एवं इस पूरे मामले का नेतृत्व कर रहे आरबीएसके के चिकित्सक डाॅ शिव शंकर कुमार ने बताया, जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित किशोरी सुमन कुमारी का निःशुल्क समुचित इलाज होगा। वहीं, उन्होंने बताया, बच्चे के साथ-साथ अभिभावकों का भी खर्च सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है। ऐसे बच्चों का आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) द्वारा इलाज कराया जाता है। 


- छोड़ चुके थे इलाज की उम्मीद, अब जगी उम्मीद की नई किरण : 

किशोरी के पिता झंडु साह एवं माता गीता देवी ने बताया, हमलोग तो अपने बच्चे के समुचित और स्थाई इलाज की उम्मीद ही छोड़ चुके थे। क्योंकि, ना ही स्थानीय स्तर पर समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध थी और ना ही बाहर में इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसा था। किन्तु, इसी बीच जब स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुचित इलाज, वो भी पूरी तरह मुफ्त होने की जानकारी मिली कि पूरे परिवार में उम्मीद की नई किरण जग गई। इसके लिए मैं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सरकार का ताउम्र ऋणी रहूँगा। वहीं, दोनों बच्चे के अभिभावक ने इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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