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जीविका दीदियों को सुरक्षित गर्भपात के बारे में दिया गया प्रशिक्षण
-बाराहाट में सुरक्षित गर्भपात पर जागरूकता लाने के बारे में कहा गया
-समाज के सभी लोगों को इस पर काम करने की बताई गई जरूरत
बांका, 16 मार्च-
सुरक्षित गर्भपात कानूनी तौर पर वैध है या नहीं, इस बात की जानकारी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को नहीं है। इस कारण नीम-हकीम के चक्कर में पड़कर महिलाएं अपनी जान गंवा रही हैं। इसी जानकारी देने के उद्देश्य से बुधवार को बाराहाट प्रखंड में आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के तत्वावधान में जीविका दीदियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान आईपास के रिसर्च एंड ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर रितेश रंजन ने कहा कि महिलाएं अनचाहे रूप से गर्भवती हो जाने पर सुरक्षित गर्भपात भी नहीं करा पाती हैं। सरकारी अस्पतालों में मिल रही सुविधाओं से वह वंचित रह जाती हैं। जिनन महिलाओं का गर्भ अब पहली तिमाही से दूसरी तिमाही में प्रवेश कर चुका है, उन्हें सुरक्षित तरीके से चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है। इससे वह सुरक्षित तरीके से अपना गर्भपात करा सकेंगी। इसे लेकर समाज में जागरूकता लानी होगी। इस पर सभी लोगों को प्रयास करने की जरूरत है।
सुरक्षित गर्भपात को लेकर परिजनों को ध्यान देने की जरूरतः रितेश रंजन ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट -1971 के तहत 20 सप्ताह तक के गर्भ को समाप्त करने की कानूनी तौर पर इजाजत है। 1971 में बने इस कानून को लेकर हालांकि कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। इसे लेकर परिजनों को खास ध्यान देने की आवश्यकता है। बिचौलिये के संपर्क में नहीं पड़ना चाहिए। समस्या होने पर पास के सरकारी अस्पताल से संपर्क करना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में कानूनी तौर पर निःशुल्क गर्भपात की सुविधा है। विशेष परिस्थिति पैदा होने पर एंबुलेंस के जरिये महिला मरीज को अच्छी जगह भेजने की व्यवस्था मौजूद है। 12 सप्ताह तक एक प्रशिक्षित डॉक्टर और 13 से 20 सप्ताह के अंदर तक दो प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में सरकारी अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में गर्भपात होनी चाहिए।
दूसरी तिमाही में गर्भपात कराने के लिए जाएं मायागंजः आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के रितेश रंजन ने कहा कि भारत में होने वाली मातृ मृत्यु में आठ प्रतिशत मृत्यु असुरक्षित गर्भपात के कारण होती है। यदि किसी महिला को माहवारी के दिन चढ़ गए हो या उससे अनचाहे गर्भ ठहरने की आशंका हो तो तत्काल एएनएम से संपर्क करना चाहिए। या फिर डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यदि गर्भधारण की पुष्टि होती है और महिला गर्भ नहीं रखना चाहती है तो तत्काल गर्भपात का निर्णय लेना चाहिए। अगर गर्भ नौ सप्ताह तक का है तो गोलियों से भी गर्भपात हो सकता है। गर्भपात जितना जल्द कराया जाता है, उतना ही सरल और सुरक्षित रहता है। बौंसी रेफरल अस्पताल में सिर्फ पहली तिमाही में गर्भपात सेवा दी जाती है। दूसरी तिमाही में गर्भपात कराने के लिए भागलपुर स्थित मायागंज अस्पताल का रुख करना चाहिए। गर्भपात के साथ तत्काल गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग करना चाहिए। गर्भपात और गर्भधारण के बीच छह महीने का अंतराल होना जरूरी है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar