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बांका सदर अस्पताल की एसएनसीयू से सैकड़ों नवजात इलाज कराकर हो रहे स्वस्थ
-24 घंटे एनएससीयू में ऑक्सीजन की है व्यवस्था
-वार्मर और फोटोथैरेपी की भी यहां पर है व्यवस्था
बांका, 15 जून-
सदर अस्पताल, बांका की एसएनसीयू से इलाज करवाकर हर साल सैकड़ों नवजात स्वस्थ हो रहे हैं। अक्टूबर 2017 से यहां पर एसएनसीयू वार्ड की व्यवस्था संचालित हो रही है। तब से लेकर अबतक लगातार यहां पर नवजात बच्चे इलाज करवाकर स्वस्थ हो रहे हैं। साल 2021 में ही यहां पर 800 नवजात इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। इस साल भी अबतक 500 से ज्यादा नवजातों का इलाज हो चुका है। 12 बेड के एसएनसीयू में तीन डॉक्टर और 12 जीएनएम की तैनाती है, जो 24 घंटे नवजात की देखभाल में लगी रहती हैं। तीन डॉक्टर में एक स्पेशलिस्ट और दो जेनरल हैं। इस यूनिट में जन्म से 28 दिन तक के नवजातों का इलाज किया जाता है। वैसे नवजात जो जन्म के बाद से कमजोर और बीमार है, उसका यहां पर बेहतर इलाज किया जाता है। 24 घंटे यहां पर वार्मर और फोटोथैरेपी की सुविधा है। साथ में हर वक्त ऑक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध रहती है। बच्चे को जिस तरह की जब इलाज की जरूरत पड़ती है, वह व्यवस्था यहां पर उपलब्ध है।
सिविल सर्जन डॉ. रविंद्र नारायण ने कहा कि सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में नवजात के इलाज के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध है। वैसे नवजात जो जन्म से कमजोर और बीमार है, उसे इलाज के लिए यहां पर ला सकते हैं। लोगों से मेरी अपील है कि अगर किसी का बच्चा जन्म के दौरान कमजोर और बीमार हो तो उसे इलाज के लिए यहां पर ले आ सकते हैं। उन्हें यहां पर किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। यहां के डॉक्टर नवजात का इलाज कर उसे पूरी तरह से स्वस्थ करते हैं। नवजातों के इलाज में जरूरत आने वाली हर तरह की सुविधा यहां पर उपलब्ध है। किसी भी तरह की परेशानी यहां पर नहीं होगी।
रहने से भोजन तक की व्यवस्था है उपलब्धः सिविल सर्जन डॉ. रविंद्र नारायण ने बताया कि सदर अस्पताल के एसएनसीयू में न सिर्फ कमजोर और बीमार नवजातों का इलाज किया जाता है, बल्कि नवजात के साथ उसकी मां के रहने के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। साथ में भोजन का प्रबंध भी किया जाता है। इसलिए जिस किसी के नवजात बच्चे को परेशानी हो, वह सदर अस्पताल आकर इलाज करवा सकते हैं। नवजात के इलाज के दौरान जो भी जरूरत पड़ती है, उस हिसाब से यहां पर व्यवस्था की गई है। इसी कड़ी में उसकी मां के रहने और भोजन का प्रबंध यहां पर किया गया है।
28 दिन से बड़ा होने पर पीकू वार्ड में होगा इलाजः बांका सदर अस्पताल में न सिर्फ एसएनसीयू में जन्म से 28 दिनों तक के नवजातों का इलाज किया जाता है, बल्कि बच्चा जब 28 दिन से अधिक का हो जाता है तो उसके इलाज के लिए यहां पर पीकू वार्ड भी उपलब्ध है। वहां पर भी बच्चे के इलाज को लेकर सभी तरह की व्यवस्था है। अत्याधुनिक उपकरणों के जरिये बच्चे का यहां पर बेहतर इलाज किया जाता है। इस वार्ड में भी डॉक्टर और नर्स की 24 घंटे तैनाती रहती है। हर वक्त ये लोग बच्चे की देखभाल करते हैं। जरूरत के अनुसार बच्चे का इलाज करते हैं।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar