लक्ष्य कार्यक्रम • सूर्यगढ़ा सीएचसी को किया जा रहा है सुसज्जित, बेहतर होगी सुविधा 

 
- ओटी कक्ष और लैब को किया जा चुका है सुसज्जित, प्रसव समेत अन्य कक्षों में चल रहा है काम 
- लक्ष्य कार्यक्रम से गुणवत्तापूर्ण प्रसव को मिलेगा बल, मातृ एवं शिशु की अस्वस्थता व मृत्यु दर में आएगी कमी 
 
लखीसराय-
 
 
जिले के सूर्यगढ़ा सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) को लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सुसज्जित किया जा रहा है। ताकि सीएचसी में मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाएँ और मजबूत हो सके एवं मरीजों को बेहतर से बेहतर समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके। ओटी कक्ष और लैब रूम को लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सुसज्जित किया जा चुका है। जबकि, प्रसव कक्ष समेत अन्य सभी कक्षों को जल्द से जल्द सुसज्जित करने को काम चल रहा है। इसके अलावा पूर्व में ही स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय अपर निदेशक भी सीएचसी का निरीक्षण कर जल्द से जल्द समुचित सीएचसी को सुसज्जित करने का निर्देश दे चुके हैं। इस दौरान उन्होंने चल रहे कार्यों की  सीएचसी प्रबंधन से आवश्यक जानकारी भी ली थी । 
 
- निर्धारित लक्ष्य पूरा करने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि : 
सूर्यगढ़ा सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सत्येन्द्र कुमार ने बताया, लक्ष्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधा की गुणवत्ता की मैपिंग की जाती है। जिसमें कुल आठ तरह के मूल्यांकन पैमाने बनाए गए हैं। इसमें साफ-सफाई का स्तर, स्टाफ की उपलब्धता, लेबर रूम के अंदर जरूरी संसाधनों की उपलब्धता के साथ-साथ ऑपरेशन थिएटर की भी मैपिंग की जाती है। इस कार्यक्रम के बेहतर कार्यान्वयन के लिए जिला स्तरीय टीम में सिविल सर्जन को अध्यक्ष, एसीएमओ को नोडल और एक गायनोक्लाॅजिस्ट और  यूनिसेफ तथा केयर के अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है। वहीं, उन्होंने बताया, निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने वाले जिला स्तरीय अस्पताल को प्रोत्साहन राशि के रूप में तीन लाख तथा पीएचसी स्तर पर दो लाख रुपये की राशि और प्रमाण-पत्र देने का प्रावधान है। 
 
- जल्द ही सुमचित सीएचसी को किया जाएगा सुसज्जित : 
सीएचसी के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अनिल कुमार कुशवाहा ने बताया, जल्द से जल्द पूरे सीएचसी को सुसज्जित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। ओटी कक्ष और लैब रूम को सुसज्जित किया जा चुका है। सभी कक्षों का जल्द से सुसज्जीकरण हो, इसके लिए हमलोग अग्रसर एवं तत्पर है। वहीं, उन्होंने बताया, लक्ष्य कार्यक्रम के तहत तीन स्तरों पर रैंकिंग की जाती है। पहले जिला स्तर पर, उसके बाद रिजनल स्तर पर और तृतीय चरण में राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग की जाती है। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 75 अंक प्राप्त करना अनिवार्य होता है।  
 
- लक्ष्य कार्यक्रम से गर्भवती महिला की देखभाल में होगा सुधार : 
इस कार्यक्रम के तहत प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, प्रसव संबंधी गहन देखभाल इकाइयों और उच्च निर्भरता इकाइयों (एचडीयू) में गर्भवती महिलाओं की देखभाल में सुधार होगा।  साथ ही प्रत्येक गर्भवती महिला और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले नवजात शिशु लाभान्वित होंगे। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सम्मानीय मातृत्व देखभाल (आरएमसी) की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस पहल के अंतर्गत बहुमुखी रणनीति अपनाई गई है। जिनमें बुनियादी ढांचागत सुधार, उन्नयन, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाना और प्रसूति गृहों में सुविधाओं में सुधार लाना शामिल है।
 
- इन मानकों पर तय होते हैं पुरस्कार : 
- अस्पताल की आधारभूत संरचना 
- साफ-सफाई एवं स्वच्छता 
- जैविक कचरा निस्तारण
- संक्रमण रोकथाम 
- अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली 
- स्वच्छता एवं साफ़-सफाई को बढ़ावा देना

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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