मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना • जिले के दो बच्चों ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने पर हृदय रोग को दी मात 

 
 
- आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर शुरू हुआ जरूरी इलाज, अब दोनों बच्चे पूरी तरह हैं स्वस्थ 
- आरबीएसके टीम के सहयोग से पीड़ित बच्चों को चिह्नित कर कराया जा रहा है इलाज 
 
लखीसराय-
 
हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए राज्य सरकार की  मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना वरदान साबित हो रही  है। उक्त योजना के तहत हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को पूरी तरह निःशुल्क बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही  और समय पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ इलाज शुरू होने से उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे बीमारी को मात भी दे रहे  हैं। हाल में जिले के दो बच्चों ने बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा की  बदौलत हृदय रोग को मात दी है । जबकि, इससे पूर्व भी कई बच्चे का सफल इलाज किया जा चुका है  ।  यह सबकुछ सरकार की मजबूत और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की  बदौलत ही संभव हुआ। वहीं, सरकार द्वारा लाई गई उक्त योजना को सार्थक रूप देने के लिए जिले की आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो रहे और बच्चों को नई स्वस्थ जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है । ऐसे पीड़ित बच्चों को  जिले की आरबीएसके टीम द्वारा स्क्रीनिंग कर चिह्नित  किया जा रहा और आवश्यकता के अनुसार समुचित इलाज के लिए पटना या अहमदाबाद भेजा जा रहा है। जहाँ बच्चों का सरकारी स्तर से निःशुल्क समुचित इलाज हो रहा है। 
 
- जिले को दो बच्चों ने एकबार फिर दी हृदय रोग को  मात और पूरी तरह हुआ स्वस्थ : 
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, समय पर इलाज शुरू होने से एकबार फिर जिले के दो बच्चे हृदय रोग को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। जिसमें रामगढ़ चौक प्रखंड के बरहरा निवासी कुंदन रजक का 05 वर्षीय पुत्र पियुष कुमार एवं आगत हलसी निवासी सोनू चौहान की  03 वर्षीया पुत्री सोनम कुमारी शामिल हैं । दोनों का अहमदाबाद में समुचित इलाज हुआ। जिसके बाद दोनों पूरी तरह स्वस्थ होकर वहाँ से अपने  घर लौट चुके हैं। वहीं, उन्होंने बताया, इससे पूर्व भी जिले के विभिन्न प्रखंडों के कई बच्चे का सफल इलाज हो चुका है।  
- हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को  स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज जरूरी : 
आरबीएसके टीम के जिला कंसल्टेंट डाॅ शिवशंकर कुमार ने बताया, हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। अन्यथा, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, उन्होंने बताया, जिन बच्चों के होठ कटे हैं, उसका 03 सप्ताह से 03 माह के अंदर, जिसके तालु में छेद (सुराग) है, उसका 06 से 18 माह एवं जिसका पैर टेढ़े-मेढ़े हैं  उसका 02 सप्ताह से 02 माह के अंदर शत-प्रतिशत सफल इलाज संभव है। इसलिए, जो उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं, उसका अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर मुफ्त इलाज शुरू करा सकते हैं। वहीं, उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है।
 
- स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन : 
बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे का बाल हृदय योजना के तहत सरकार द्वारा पूरी निःशुल्क इलाज कराया  जाता  है। यही नहीं, पीड़ित बच्चे और उसके अभिभावक  के  इलाज के लिए आने-जाने का खर्चा भी  सरकार ही वहन करती है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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